हमने बीते सालों में अपनों को खोया, बीमारी की दहशत को जिया ऐसे में नए साल के स्वागत के लिए चाहिए हमें नई ऊर्जा, नए सपने, नया जोश, नई उमंग ताकि हम एक बार फिर डटकर खड़े हो जाएं हर तरह की चुनौतियों और संकट का सामना करने के लिए.... मन में खूब सारा उत्साह, उल्लास और उमंग भरकर एक मीठी मुस्कान के साथ....
हम लेकर आए हैं आध्यात्मिक संसार के प्रतिष्ठित हस्ताक्षरों के सद्वचन, संदेश और मार्गदर्शन वेबदुनिया के दर्शकों/पाठकों के लिए, इसी श्रृंखला में प्रस्तुत है श्री श्री रविशंकर जी का संदेश...
समय की जो भी चुनौती है मानव जीवन उसका सदा सामना करता आया है और विकास के पथ पर आगे बढ़ता आया है... ऐसे ही हमारे जीवन में कई तरह की समस्याएं आई हैं.. मानसिक और आत्मिक बल को मजबूत रखने से इन सारी चुनौतियों को हम हंसते-खेलते प्रगति करते पार कर लेंगे... परिस्थिति जैसी भी हो इसका सामना करने के लिए हमें आत्मिक बल की आवश्यकता है। हमें मजबूत रहने की आवश्यकता है..