इंदौर के राजवाडा से सटे शिवाजी मार्केट की 126 दुकानों पर नगर निगम जल्द ही बुल्डोजर चलाने जा रहा है। इस कार्रवाई से 5 हजार लोगों की रोजीरोटी पर संकट आने की आशंका है। दरअसल, इंदौर नगर निगम प्रशासन इन दुकानदारों को यहां से हटाकर पास में ही स्थित नंदलाल पुरा कॉम्पलेक्स में शिफ्ट करना चाहता है। जबकि दुकानदारों का कहना है कि उन्हें ग्राउंड पर ही दुकानें आवंटित की जाए, कॉम्पलेक्स में शिफ्ट होने के बाद उनका व्यापार प्रभावित होगा। वेबदुनिया ने सांसद शंकर लालवानी ने इस बारे में चर्चा की। लालवानी ने बताया कि वे नगर निगम से चर्चा करके मुद्दे को समझेंगे उसके बाद ही इस बारे में कुछ कह पाएंगे।
तीन बार हो गया विस्थापन : बता दें कि नगर निगम ने शिवाजी मार्केट के विस्थापन की तैयारी पूरी कर ली है। व्यापारियों को नंदलाल पुरा सब्जी मार्केट के पास स्थानांतरित करने का फैसला किया है, जिसका प्रस्ताव काफी पहले ही तैयार कर लिया गया था। व्यापारियों को यहां शिफ्ट होने के लिए 10 फरवरी तक की आखिरी मोहलत दी गई है, जिससे वे गहरे असंतोष में हैं। दुकानदारपवन भावसार ने बताया कि पिछले 30 वर्षों में पहले राजवाड़ा, फिर रेलवे स्टेशन भेजा गया। इसके बाद शिवाजी मार्केट में शिफ्ट किया गया, और अब चौथी बार उन्हें नई जगह भेजा जा रहा है।
कहां जाएंगे 5 हजार लोग : शिवाजी मार्केट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय केथुनिया ने बताया कि मार्केट शिफ्ट करने से 5 हजार लोगों का रोजगार प्रभावित होगा, क्योंकि यहां 126 दुकानदारों के साथ हजारों लोग नौकरी भी करते हैं। सन्नी झामानी ने बताया कि अगर दुकानें कॉम्पलेक्स में शिफ्ट कर दी तो वहां ग्राहक नहीं आएंगे। यहां रोड पर आते जाते ग्राहकों की वजह से धंधा बना रहता है वहां तो चौपट हो जाएगा व्यापार। दुकानदार अजीत जैन और संगठन के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र मोरयानी ने बताया कि हम सामने शिवाजी मार्केट के खाली पडे पार्किंग इमारत में भी जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन प्रशासन हमें वहां भी नहीं भेज रहा है। उनका कहना है कि यहां मेट्रो स्टेशन बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिस जगह पर हमें शिफ्ट किया जा रहा है, वह तीन से चार मंजिला इमारत है।
कौन कौनसी दुकानें हैं शिवाजी मार्केट में : शिवाजी मार्केट में कपड़े, बेल्ट, मछली दाना, डॉग्स, कबूतर जैसे पेट्स के साथ ही खिलौने, बैग, रेडीमेड गारमेंट और पक्षियों के पिंजरे जैसे सामानों की बिक्री की दुकानें संचालित हो रही हैं। व्यापारियों का कहना है कि अगर इन दुकानों को पहली, दूसरी या तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया तो ग्राहक कैसे आएंगे और हमें अपने व्यवसाय को बंद करना पड़ेगा।
क्यों हटाई जा रही दुकानें : दरअसल, दुकानों के ठीक पीछे कान्ह नदी बह रही है। दूसरी तरफ शिवाजी मार्केट का रोड है। निगम प्रशासन ये दुकानें हटाकर रिवर साइड व्यू बनाना चाहता है। दुकानें हट जाने के बाद कान्ह नदी भी नजर आने लगेगी, जिसके बाद यहां सौंदर्यीकरण किया जाएगा। व्यापारियों ने बताया कि नगर निगम के पास इस नदी के कल्याण के लिए कोई प्लान नहीं है।
लॉटरी में नहीं पहुंचे दुकानदार : नगर निगम के मार्केट विभाग के उपायुक्त ने व्यापारियों को 30 जनवरी को एक पत्र जारी किया था, जिसमें 3 फरवरी को लॉटरी से दुकानें वितरण की जाना थी। लेकिन लॉटरी में सिर्फ कुछ ही व्यापारी पहुंचे। व्यापारियों का कहना है कि छोटी दुकान 5 लाख और बडी दुकानें 8 लाख में दी जाएगी। सांसद शंकर लालवानी ने वेबदुनिया को इस बारे में बताया कि वे नगर निगम से चर्चा करके मुद्दे को समझेंगे उसके बाद ही इस बारे में कुछ कह पाएंगे। Edited By: Navin Rangiyal