कोर्ट ने दी Union Carbide कचरे के निपटान के परीक्षण की मंजूरी, 3 चरणों में पिथमपुर में ऐसे जलेगा ये जहर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025 (14:11 IST)
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को भोपाल स्थित बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकले 40 वर्ष पुराने रासायनिक कचरे को धार जिले के पीथमपुर क्षेत्र में निपटान का परीक्षण करने की मंगलवार को अनुमति दे दी है। इससे फैसले से अब यह लगभग साफ हो गया है कि भोपाल गैस त्रासदी का यह जहरीला कचरा पिथमपुर में ही जलाया जा सकता है।

बता दें कि 40 साल पहले भोपाल में यूनियन कबाईड त्रासदी के बाद इससे निकला जहरीला कचरा पिछले दिनों इंदौर होते हुए पिथमपुर भेजा गया था। 337 टन इस खतरनाक कचरे को यहां जलाए जाने का लगातार विरोध हो रहा था। स्‍थानीय लोगों ने जमकर इसका विरोध किया था। हालांकि अब कोर्ट ने इस कचरे को जलाने से पहले इसके परीक्षण की मंजूरी दे दी है।
ALSO READ: इंदौर का MGM कॉलेज करेगा रिसर्च, कितना खतरनाक है Union Carbide Waste, शासन को भेजेगा रिपोर्ट
स्‍थानीय लोग कर रहे हैं विरोध : महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बताया कि 27 फरवरी से तीन चरणों में परीक्षण के तौर पर कचरे का निपटान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने मंगलवार को कचरा निपटान प्रक्रिया के बारे में जन जागरूकता फैलाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जनवरी में उच्च न्यायालय द्वारा मांगी गई अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की। बता दें कि पीथमपुर के स्थानीय लोग अपने क्षेत्र में कचरे के नियोजित निपटान का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
ALSO READ: घातक नहीं है तो भोपाल से पीथमपुर क्‍यों भेजा यूनियन कार्बाइड का वेस्‍ट, सुमित्रा महाजन ने क्‍या कहा, कौन देगा जवाब?
तीन स्‍टेप्‍स में ऐसे होगा निपटान : भोपाल गैस त्रासदी में 5,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने अदालत से अनुरोध किया था कि जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद निपटान का परीक्षण करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सिंह ने बताया कि परीक्षण तीन चरणों में किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक चरण में 10 टन कचरे का निपटान होगा।
ALSO READ: 12 साल पहले जर्मनी क्यों नहीं जा सका यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा?
उन्होंने बताया कि पहले परीक्षण में 135 किलोग्राम प्रति घंटे की दर से कचरे का निपटान किया जाएगा, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में इसे बढ़ाकर 180 किलोग्राम प्रति घंटे और 270 किलोग्राम प्रति घंटे किया जाएगा।

27 फरवरी को होगा पहला परीक्षण : महाधिवक्ता ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पहला परीक्षण 27 फरवरी को और दूसरा 4 मार्च को किया जाएगा, हालांकि तीसरे परीक्षण की तारीख अब तक तय नहीं की गई है।
ALSO READ: जिस यूनियन कार्बाइड कचरे को 12 साल पहले जर्मनी जलाने को तैयार था, उसे अब पीथमपुर में क्‍यों जलाया जा रहा?
पॉल्‍युशन बोर्ड करेगा निगरानी : उन्होंने बताया कि परीक्षण के नतीजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपे जाएंगे, जो उसके बाद ‘फीड रेट’ निर्धारित करेगा, जिस पर शेष कचरे का निपटान किया जाएगा। बता दें कि यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से कुल 337 टन खतरनाक कचरा पीथमपुर निपटान संयंत्र पहुंचाया गया है। अदालत में 27 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट पेश की जाएगी।
Edited By: Navin Rangiyal (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी