Ground Report from Pithampur Protest Ramky Plant : यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को लेकर इंदौर के पीथमपुर से लेकर भोपाल तक में बवाल मचा है। पिछले गुरुवार को भोपाल से पीथमपुर कचरा भेजने के बाद से यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को देर रात कैबिनेट की मीटिंग के बाद कचरे को फिलहाल जलाने पर रोक लगाई गई है, लेकिन लोगों को कचरे के 12 में से एक कंटेनर कम नजर आया तो फिर से बवाल शुरू हो गया। अफवाह फैल रही है कि कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में वहां पत्थरबाजी शुरू हुई, पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंका गया। इसके बाद भारी पुलिस बल यहां तैनात किया गया है।
वेबदुनिया टीम पहुंची रामकी : शनिवार की सुबह यहां कचरा जलाने की प्रक्रिया को रोकने के बाद पीथमपुर और आसपास के इलाकों में कुछ शांति नजर आई थी, लेकिन दोपहर तक एक बार फिर से पत्थरबाजी की खबर आई। वेबदुनिया की टीम ने शनिवार की सुबह पीथमपुर स्थित रामकी प्लांट पहुंचकर जमीनी हकीकत जानी। शनिवार को यहां रामकी एनवायरो इंडस्ट्री की फैक्टरी पर लोगों ने पथराव किया है। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
रामकी के बाहर पथराव : मध्यप्रदेश के पीथमपुर की जिस रामकी कंपनी में 337 टन जहरीला कचरा रखा हुआ है, उसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। शनिवार को फैक्टरी के पास के तारापुर गांव की बस्ती के लोगों ने पथराव कर दिया। बड़ी संख्या में आई भीड़ ने कंपनी के गेट के सामने नारेबाजी की और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। लोगों का कहना है कि यहां पहले से ही हालात बदतर है, ऐसे में भोपाल गैस त्रासदी का कचरा यहां जलाकर आम लोगों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
महिलाएं मिर्ची पाउडर के साथ पहुंची रामकी : स्थिति यह है कि लोग किसी भी कीमत पर यहां जहरीला कचरा जलाने देने को तैयार नहीं है। बता दें कि जब ग्रामीणों ने पथराव किया, तब गेट पर ज्यादा पुलिस बल तैनात नहीं था, इसलिए भीड़ ने एक पुलिस वाहन के कांच भी फोड़ डाले। तारपुरा की कुछ महिलाएं अपनी मुट्ठी में मिर्ची पाउडर लेकर आई थीं, जिसे सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों पर फेंका गया।
पुलिस ने भांजी लाठियां : हालात बिगड़ता देख पुलिस को लाठियां भांजना पड़ी। लोगों को आरोप है कि पुलिस ने घरों में घुसकर कुछ लोगों से मारपीट की। पुलिस का कहना है कि लोग थोड़ी थोड़ी देर में पत्थरबाजी कर रहे हैं। आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी और दो-तीन आंसू गैस के गोले भी फेंके। इसके बाद आक्रोशित भीड़ वापस भाग गई। इस घटना के बाद फैक्टरी परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सादी वर्दी में आसपास की बस्ती में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
एक कंटेनर कम : ग्रामीणों में यह अफवाह फैली है कि कंपनी में कचरे का निपटान शुरू हो चुका है, क्योंकि भोपाल से इंदौर तक 12 कंटेनर में 337 टन कचरा आया था, लेकिन परिसर में शनिवार को ग्रामीणों को एक कंटेनर कम नजर आया। इसके बाद ग्रामीणों ने कंपनी पर पथराव की योजना बनाई थी। फिलहाल रामकी कंपनी की तरफ आने वाले रास्तों पर पुलिस ने बेरीकेड लगा दिए है। वहीं रामकी इंडस्ट्रीज पीथमपुर के गेट पर ड्यूटीरत नायब तहसीलदार अनीता बरेठा ने बताया सभी कंटेनर हमारी कस्टडी में है, किसी भी कंटेनर को खोला नहीं गया है।
250 से ज्यादा पुलिस कर्मचारी और अधिकारी तैनात : पीथमपुर में स्थिति को संभालने के लिए 250 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए है। जगह जगह पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है। इनमें महिला कांस्टेबल और अधिकारी भी तैनात हैं। पत्थरबाजी बंद होने के बाद पुलिस दल ने तारापुर गांव में गस्त की। कई जगह बेरिगेटिंग की गई है।
कंटेनरों पर लोगों की निगरानी : कचरे को लेकर इतना आक्रोश है कि रामकी परिसर में रखे कचरे के कंटेनरों पर लगातार नजर रखी जा रही है। लोग कंटेनरों के आसपास घूम रहे है। एक कंटेनर कम नजर आने पर शनिवार को फिर बवाल हुआ था। स्थिति को देखकर लगता नहीं कि अभी यह मामला इतनी आसानी से ठंडा होने वाला है। (सभी फोटो : धर्मेंद्र सांगले)