इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर की एक अनाज मंडी में व्यापारियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर गेहूं खरीदे जाने को लेकर भड़के किसानों ने मंगलवार को जमकर हंगामा और चक्काजाम किया। चश्मदीदों ने यह जानकारी दी। किसानों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा और चक्काजाम किया कि मंडी व्यापारी उनसे 2,125 रुपए प्रति क्विंटल के एमएसपी से कम कीमत में गेहूं खरीदकर मुनाफा वसूली कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले हुई बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल में नमी की मात्रा अधिक होने का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों में गेहूं की सरकारी खरीद मंगलवार (28 मार्च) से 31 मार्च (शुक्रवार) तक स्थगित कर दी थी। हालांकि किसानों के भारी हंगामे के बाद राज्य सरकार को यह आदेश मंगलवार को ही वापस लेना पड़ा।
इंदौर के जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू ने यह आदेश वापस लिए जाने की पुष्टि करते बताया कि चारों संभागों में एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद बहाल कर दी गई है। इससे पहले गेहूं बेचने के लिए इंदौर की लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी पहुंचे किसानों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा और चक्काजाम किया कि मंडी व्यापारी उनसे 2,125 रुपए प्रति क्विंटल के एमएसपी से कम कीमत में गेहूं खरीदकर मुनाफा वसूली कर रहे हैं।
चश्मदीदों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित किसानों को शांत किया और करीब 2 घंटे चला चक्काजाम समाप्त कराया। कृषकों के संगठन भारतीय किसान एवं मजदूर सेना के अध्यक्ष बबलू जाधव ने आरोप लगाया कि गेहूं की सरकारी खरीद 4 दिन के लिए स्थगित किए जाने के आदेश के बाद व्यापारियों ने गुट बनाकर इस खाद्यान्न के दाम 200 रुपए प्रति क्विंटल तक गिरा दिए।
उधर लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी व्यापारी संघ के सचिव प्रवीण गर्ग ने कहा कि फिलहाल केवल उसी गेहूं को अपेक्षाकृत कम कीमत में खरीदा जा रहा है जिसमें तय मानकों से बहुत ज्यादा नमी, कचरा और मिट्टी है। बढ़िया गुणवत्ता वाले गेहूं को एमएसपी से भी ज्यादा दाम में खरीदा जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहर में अलग-अलग गुणवत्ता का गेहूं 1,600 रुपए से लेकर 2,950 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है।(भाषा)