इंदौर में करीब 50 लोगों द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के एक पार्षद के घर में घुसकर किए गए हमले के मामले ने मंगलवार को तूल पकड़ लिया, जब इस पार्षद ने पार्टी के एक अन्य पार्षद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भाजपा संगठन और पुलिस का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने इस घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है, लेकिन भाजपा पार्षद ने अपनी पार्टी के ही अन्य पार्षद के इशारे पर उनके समर्थकों द्वारा यह हमला किए जाने का आरोप लगाया है।
भाजपा पार्षद कमलेश कालरा ने कहा कि उनके और नगर निगम के एक कर्मचारी के बीच फोन पर हुई बहस के बाद भाजपा पार्षद जीतू यादव ने 4 जनवरी को उनके घर में 50-60 हथियारबंद लोग भेजे जिन्होंने उनके परिजनों के साथ अभद्र बर्ताव, मारपीट और घर में तोड़फोड़ की।
कालरा के मुताबिक नगर निगम कर्मचारी यादव का रिश्तेदार है और यादव के कथित समर्थकों के हमले के दौरान वह अपने घर में नहीं थे। कालरा ने दावा किया कि हमलावरों ने घटनाक्रम के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर इन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित भी किया। यादव, महापौर परिषद के सदस्य भी हैं। उन्होंने कालरा के आरोप खारिज करते हुए कहा कि वह भाजपा संगठन के स्तर पर अपनी बात रखेंगे।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) देवेंद्र सिंह धुर्वे ने बताया कि भाजपा पार्षद कालरा के घर में हुई घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ घर में जबरन घुसने, गाली-गलौज, मारपीट, तोड़-फोड़ और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के चश्मदीद गवाहों, वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और जांच के बाद आगे के कदम उठाए जाएंगे।
कालरा, सिन्धी हिन्दू समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। समुदाय के आक्रोशित लोगों ने पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में भाजपा पार्षद यादव का नाम जोड़े जाने और सभी आरोपियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है।
बाद में कालरा ने सिन्धी हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ शहर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे से मुलाकात की और कहा कि वे 'न्याय' चाहते हैं। रणदिवे ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों भाजपा पार्षदों को नोटिस जारी करके उनसे स्पष्टीकरण तलब किया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। (भाषा) Edited by: Sudhir Sharma