देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के लाइफ साइसेंस के डाइरेक्टर प्रो. आनंदकर के नेतृत्व में 34 लेक्चरर्स, प्रोफेसर्स ने जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर "सस्टेनेबल मानव संसाधन" विकास कैसे किया जाता है विषय पर एक फील्ड विजिट कार्यक्रम और कार्याशाला संपन्न हुई। यह देवी अहिल्या विवि इंदौर के ह्यूमन रिसोर्स विभाग के यूजीसी के इन शिक्षकों के रेफ्रेशर कोर्स का हिस्सा था।
डॉ. जनक पलटा मगिलिगन और उनकी टीम नंदा चौहान और राजेंद्र चौहान ने सोलर कुकिंग, सोलर वाटर हीटर, सोलर ड्रायर और हाइब्रिड एनर्जी सिस्टम, सस्टेनेबल खेती, जल संरक्षण, अन्न और भोजन की 9 लोगों की आवश्यकता को लेकर आत्मनिर्भरता का डेमो दिया। इनमें 5 व्यक्तियों के अलावा गाय का परिवार शामिल है गाय गौरी, बछड़ा उर्जा व शक्ति और श्वान वीरू शामिल है।
इसके बाद जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर डॉ. जनक पलटा मगिलिगन द्वारा मार्गदर्शन दिए जा रहे ४ अलग-अलग स्टार्ट अप्स के बारे में समीर शर्मा, अपराजिता भदौरिया, देवल वर्मा और वरुण रहेजा ने परिचित करवाया। इन सभी के कार्य सफल स्टार्ट अप के साथ ही पर्यावरण और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के शानदार उदाहरण भी हैं। सभी लेक्चरर्स ने इनसे वास्तविक मानव संसाधन विकास को प्रत्यक्ष देखा और सीखा। साथ ही सभी युवाओं ने अपने अपने स्टार्ट अप के बारे में बताया।
इन सभी युवाओं ने अपने स्टार्ट अप्स के बारे में बताया। 22 वर्षीय अपराजिता भी इसमें शामिल थीं जिसने अपना MBA पूरा कर अपना ईको फ्रेंडली इवेंट मैनेजमेंट स्टार्ट अप शुरू किया और हाल ही में सबसे युवा और बेस्ट स्टार्ट अप का नॅशनल अवार्ड जीता है। उन्होंने बताया की कैसे नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के मार्गदर्शन पर रहने से उन्हें इस क्षेत्र में सफलता मिली और साथ ही यह प्रेरणा कि यह कैसे सभी के हित में हो। उन्होंने इन मूल्यों को इस व्यापार में अपनाया। वरुण रहेजा और देवल वर्मा ने भी अपने पॉवर पॉइंट के माध्यम से अपने कांसेप्ट और स्टार्ट अप के बारे में बातें की। ये सभी युवा कृष्ण चन्द्र मल्होत्रा चैरिटीज़ के इस जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर मानव संसाधन विकास के अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। कार्यशाला में सभी प्रोफेसर्स और लेक्चरर्स ने इनसे बहुत कुछ सीखा और सराहा।