विक्रांत कॉलेज के बी.एससी.नर्सिंग के अंतिम वर्ष के 41 छात्रों व शिक्षको कि समूह सनावदिया स्थित जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर अपने शैक्षणिक भ्रमण पर आए। उन्होंने सेंटर की निदेशिका डॉ. जनक पलटा मगिलिगन के साथ में सस्टेनेबल डेवलपमेंट का विस्तृत दौरा किया और छात्रों को केंद्र में स्थित विभिन्न प्रकार के पौधों और पेड़ों के बारे में जानकारी दी, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक स्थायी जीवन जीने के लिए किया जाता है।
विभिन्न प्रकार के सोलर कुकरों के माध्यम से सौर ऊर्जा के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने से उन्हें सौर ऊर्जा की क्षमता और समुदाय की सेवा के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में इसके साथ क्या नवाचार किए जा सकते हैं, इस बारे में सोचने का मौका मिला।
तुहिना झा जो जनक पलटा जी के साथ अर्थशास्त्र में एम.ए. की इंटर्न रहीं हैं, उसने सेंटर में उत्पादित लगभग 65 उत्पादों के नमूने दिखाए और समझाए, जिससे रसायन मुक्त, जीरो वेस्ट भोजन और हर दिन प्रयोग की जाने वाली चीजों से जीवन शैली का पूरा चक्र देखा।
इसके बाद जनक मैडम ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए: भारत में सफल ओपन-हार्ट सर्जरी करवाने वाले पहले सरवाईवर होने से लेकर 302 गांव में नारु उन्मूलन और कैंसर से जूझने तक। उन्होंने कहा कि एक अच्छी और देखभाल करने वाली नर्स डॉक्टर से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि नर्सें मरीज़ों के साथ ज़्यादा समय बिताती हैं, और उनकी देखभाल उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करती है।
डॉ. तन्वी झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आंतरिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, और मरीज़ों के साथ काम करने वाले पेशे में तनाव से दूर रहने और समर्पण के साथ सेवा करने के लिए अच्छी मानसिक शक्ति की आवश्यकता होती है। सत्र के बाद छात्रों ने अपने अवलोकन और सीख साझा कीं-
आदित्य बघेल (बी.एससी. नर्सिंग, अंतिम वर्ष) ने बताया कि इस यात्रा ने उन्हें स्थायी जीवन शैली पर नए दृष्टिकोण दिए और उन्हें एक स्थायी वातावरण बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों को पुनर्स्थापित करने के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया। अलीशा शेख ने शून्य-अपशिष्ट अवधारणा का अवलोकन किया और इसने उन्हें अपने दैनिक जीवन में और अधिक स्थायी जीवन शैली को शामिल करने के लिए प्रेरित किया।
पायल गौतम ने तनाव-मुक्त, रसायन-मुक्त वातावरण की सराहना की और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर इसके सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया। राखी बरे मैडम के सामाजिक कार्यों से बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने भविष्य में सामुदायिक सेवा के उनके उदाहरण का अनुसरण करने का संकल्प लिया।
जमुना दिगल ने सौर ऊर्जा से खाना पकाने और खाद्य संरक्षण तकनीकों को जानकारीपूर्ण पाया। जिम्मी मगिलिगन केंद्र का दौरा वीआईएनएस, इंदौर के छात्रों के लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव था। इसने न केवल स्थायी जीवन शैली के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें अपने जीवन में पर्यावरण के अनुकूल आदतों को अपनाने के लिए भी प्रेरित हुए।
छात्रों ने मां तुल्य जनक दीदी के प्रकृति के प्रति समर्पित जीवन की बार बार प्रशंसा की। कॉलेज से आए प्रमुख इंचार्ज ने जनक पलटा मैडम जैसी प्रेरक शख्सियत से सीखने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया कि केंद्र के शून्य अपशिष्ट, सौर ऊर्जा और समुदाय-संचालित पहलों पर ज़ोर ने इस यात्रा में भाग लेने वाले सभी लोगों पर गहरा प्रभाव डाला।