मध्यप्रदेश में बच्चों पर मौत का कहर बनकर बरपी कातिल कफ सिरप की जांच के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की है। इंदौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा बाजार, गीता भवन, जावरा कपाउंड की मेडिकल दुकानों पर छापे मार कार्रवाई की। इन दुकानों से कफ सिरप के सैंपल लिए। सैंपल लेने के लिए इन दवाइयों को जांच के लिए भेजा गया है। जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग टीमें बनाई है।
बता दें कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से हुए बच्चों की मौत के बाद अब प्रदेश सरकार सर्तक हो गई है। जिन कफ सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है। उसे सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। इंदौर में उस कंपनी का कफ सिरप नहीं मिला, लेकिन दूसरे कफ सिरप को लेकर भी अब विभाग कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है।
इन बाजारों में गई कार्रवाई : स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इंदौर के दवा बाजार, गीता भवन, जावरा कपाउंड की मेडिकल दुकानों पर छापे मारे और कफ सिरप के सैंपल लिए। जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग टीमें बनाई है। सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है। व्यापारियों से भी कहा गया कि वे रिपोर्ट आने तक कफ सिरप की सप्लाई से बचे।
इंदौर शहर में भी दवा कंपनियों के बड़े डीलर और स्टाकिस्ट है। इंदौर से कई शहरों में दवाएं सप्लाई होती है। प्रशासन ने यह पता लगाया था कि प्रतिबंधित किए गए कफ सिरप का स्टॉक इंदौर में तो नहीं है, लेकिन यहां वह सिरप नहीं आया। कलेक्टर ने कहा कि प्रतिबंधित ड्रग्स वाला कफ सिरप यदि डॉक्टरों ने मरीजों को लिखा तो प्रकरण दर्ज किए जाएंगे। सोमवार को विभाग के अफसरों को कहा गया था कि वे दवा की दुकानों पर भी जांच कर यह सुनिश्चित करें कि स्टॉक में रखे गए कफ सिरप की क्या स्थिति है। इसके बाद विभाग मेडिकल दुकानों पर पहुंचा।
48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल : बता दें कि छिंदवाडा में बच्चों की मौत मामले में जांच के बाद राज्य सरकार ने कहा कि जांच किए गए सैंपल में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल जो कि एक जहरीला रसायन था। मध्यप्रदेश पुलिस ने चेन्नई स्थित 'श्रीसन फार्मास्युटिकल मेकर' के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो अपने इंडियामार्ट पेज पर कफ सिरप, प्रोटीन पाउडर, फार्मास्युटिकल सिरप और हर्बल चाइल्ड ग्रोथ सिरप का व्यापारी होने का दावा करती है। बता दें कि मध्यप्रदेश में कफ सिरप से अब तक 19 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि 9 बच्चे अब भी नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं।
Edited By: Navin Rangiyal