लालवानी ने बताया, भारत को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हम शहर के 22 गैर सरकारी संगठनों से जुड़ी महिलाओं की मदद से एक लाख स्वदेशी राखियां बनवा रहे हैं ताकि स्थानीय बाजार में चीन से आने वाली राखियों को चुनौती दी जा सके।
उन्होंने कहा, अलग-अलग तरह के चीनी सामान के किफायती विकल्प तैयार करने में हालांकि स्वदेशी निर्माताओं को थोड़ा समय लगेगा। लेकिन स्थानीय ग्राहकों के मन में चीनी सामान के बहिष्कार की भावना मजबूत हो रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि गैर सरकारी संगठनों ने प्रधानमंत्री के सम्मान में विशेष राखी बनाई है। कुछ राखियां भारतीय सेना के उन 20 बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी बनाई गई हैं जो पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार तीन अगस्त को मनाया जाएगा।(भाषा)