इंदौर। अपने खास जायकों के लिए दुनियाभर में मशहूर मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 से 10 जनवरी के बीच आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए शहर की चाट-चौपाटियां भी सज रही हैं। चौपाटी संचालकों ने इस सम्मेलन में शामिल होने वाले विदेशी मेहमानों के स्वागत में लाल कालीन बिछाते हुए उन्हें पारंपरिक व्यंजन परोसने की तैयारी की है।
शहर की सर्राफा चौपाटी 'चटोरों के स्वर्ग' के रूप में जानी जाती है। भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने इसे 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' का दर्जा भी दिया है। राजबाड़ा से सटी इस चौपाटी की खासियत है कि यह हर रोज रात को तब आबाद होती है, जब सर्राफा बाजार में स्थित जेवरात की दुकानें बंद हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि हम सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को भुट्टे का कीस, मटर और हरे चने की कचौड़ी और गराड़ू (तलकर पकाया जाने वाला दुर्लभ कंद, जिसे चटपटे मसाले और नींबू के साथ परोसा जाता है) जैसे पारंपरिक व्यंजन बिना किसी शुल्क के परोसेंगे। हम चाहते हैं कि ये मेहमान अपने साथ स्वाद का अद्वितीय अनुभव लेकर जाएं।
शहर की एक अन्य मशहूर चाट-चौपाटी 56 दुकान को भी एफएसएसएआई ने क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा दे रखा है। 56 दुकान व्यापारी संघ के अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मद्देनजर इस चाट-चौपाटी को रंग-बिरंगी झंडियों से सजाया गया है और विदेशी मेहमानों के लिए स्वागत द्वार लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने सम्मेलन को देखते हुए 56 दुकान के हर प्रतिष्ठान के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों वाली खास पोशाक तैयार कराई है, ताकि विदेशी मेहमानों के सामने आतिथ्य का भारतीय भाव प्रदर्शित हो सके।
शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में शामिल विदेशी मेहमानों को 56 दुकान चाट-चौपाटी में बिना किसी शुल्क के इंदौर के पारंपरिक स्वाद वाला हॉटडॉग, नमकीन, पेटिस, गजक, कुल्फी और शिकंजी सरीखे व्यंजन परोसे जाएंगे। (भाषा)