Indore Coronavirus News Update : इंदौर में 107 नए Corona मरीज मिले, 3 की मौत, बाजारों में भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ा

Webdunia
रविवार, 2 अगस्त 2020 (00:53 IST)
इंदौर। त्योहारों पर बाजार खुलने के बाद शहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है। बाजारों में भीड़ दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों को अंदेशा है कि भीड़ से संक्रमण का खतरा बढ़ेगा और एक हफ्ते बाद इसके नतीजे सामने आएंगे। शनिवार को 107 नए पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 7555 हो गई। हालांकि रविवार को लॉकडाउन में छूट को लेकर असमंजस बना रहा।

शनिवार देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक जानलेवा वायरस से 3 लोगों की मौत हुई। इससे मौत का आंकड़ा 315 पर पहुंच गया। 71 लोग कोरोनावायरस से जंग जीतकर घर लौटे। अब तक 5147 लोग कोरोनावायरस से स्वस्थ हो चुके हैं।

सांसद ने ट्‍वीट किया वीडियो : सोमवार को राखी के त्योहार को देखते हुए रविवार को लॉकडाउन में छूट की मांग की जा रही थी। इस बीच सांसद शंकर लालवानी ने ट्‍विटर पर वीडियो ट्‍वीट किया। वीडियो में लालवानी कहते हुए नजर आए कि मांग की जा रही थी कि राखी के पहले बाजार खुले रखे जाएं।

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इंदौर में मांग की जा रही थी कि राखी के पहले बाजार खुले रखे जाए, इस पर मैंने मा.श्री @ChouhanShivraj जी से बात की और उन्‍होंने क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी में निर्णय लेने के लिए कहा।
कमेटी में ये सहमति बनी की कल, रविवार को सिर्फ राखी, मिठाई और पूजा सामग्री की दुकानें खुली रहेंगी। 1/2 pic.twitter.com/kxpeEXvBHv

— Shankar Lalwani (@iShankarLalwani) August 1, 2020 >इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की। मुख्यमंत्री ने क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी में निर्णय लेने के लिए कहा। कमेटी में यह सहमति बनी कि रविवार को सिर्फ राखी, मिठाई और पूजा सामग्री की दुकानें खुली रहेंगी। संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्होंने वीडियो में अपील की कि बाजार जाएं तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्‍यान रखें और मास्‍क जरूर पहनें।

महिला स्टाफ को रक्षाबंधन का तोहफा : कोरोना सर्वे और सेंपलिंग के काम में लगीं एक हजार से अधिक महिलाओं को कलेक्टर ने रक्षाबंधन का तोहफा दिया। उन्‍हें सोमवार को रक्षाबंधन पर छुट्टी दी गई है  ताकि वे अपने भाइयों के साथ परिवार में रहकर त्योहार मना सकें। सरकारी महकमे में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी हैं, जो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कड़ी मेहनत कर रही हैं। इनमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं।

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