अंकिता नागर (29) ने गुरुवार को बताया, मैंने अपने चौथे प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की है। अपनी खुशी को बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता अशोक नागर शहर के मूसाखेड़ी इलाके में सब्जी बेचते हैं और न्यायाधीश भर्ती परीक्षा की तैयारी के दौरान समय मिलने पर वे इस काम में उनका हाथ बंटाती रही हैं।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण 29 वर्षीय महिला ने कहा, न्यायाधीश भर्ती परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी और मैं अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयारी में जुटी रही। इस संघर्ष के दौरान मेरे लिए रास्ते खुलते गए और मैं इन पर चलती गई।