हुआ यह कि जब अटलजी कानून पढ़ने डीएवी कॉलेज, कानपुर आना चाहते थे तो उनके पिताजी ने कहा- 'मैं भी तुम्हारे साथ कानून की पढ़ाई शुरू करूंगा। वे तब राजकीय सेवा से निवृत्त हो चुके थे अत: पिता-पुत्र दोनों साथ-साथ कानपुर आए।'
जिस दिन अटलजी कक्षा में न आएं, प्राध्यापक महोदय उनके पिताजी से पूछें- 'आपके पुत्र कहां हैं?' और जिस दिन पिताजी कक्षा में न जाएं, उस दिन अटलजी से वही प्रश्न 'आपके पिताजी कहां हैं?'