अटलजी का प्रेरक प्रसंग : पिता-पुत्र की पढ़ाई साथ-साथ

अटलजी और उनके पिता दोनों ने कानून की पढ़ाई में एकसाथ प्रवेश लिया। 

हुआ यह कि जब अटलजी कानून पढ़ने डीएवी कॉलेज, कानपुर आना चाहते थे तो उनके पिताजी ने कहा- 'मैं भी तुम्हारे साथ कानून की पढ़ाई शुरू करूंगा। वे तब राजकीय सेवा से निवृत्त हो चुके थे अत: पिता-पुत्र दोनों साथ-साथ कानपुर आए।' 
 
उन दिनों कॉलेज के प्राचार्य श्रीयुत कालकाप्रसाद भटनागर थे। जब ये दोनों उनके पास प्रवेश हेतु पहुंचे तो उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। दोनों का प्रवेश एक ही सेक्शन में हो गया। 
 
जिस दिन अटलजी कक्षा में न आएं, प्राध्यापक महोदय उनके पिताजी से पूछें- 'आपके पुत्र कहां हैं?' और जिस दिन पिताजी कक्षा में न जाएं, उस दिन अटलजी से वही प्रश्न 'आपके पिताजी कहां हैं?' 
 
फिर वही ठहाके। छात्रावास में ये पिता-पुत्र दोनों साथ ही एक ही कमरे में छात्र-रूप में रहते थे। झुंड के झुंड लड़के उन्हें देखने आया करते थे।

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