* सन् 1904 में देशसेवा की भावना से वे कांग्रेस में सम्मिलित हुए।
* उन्होंने राजनीतिक समस्याओं के साथ-साथ सांस्कृतिक विषयों पर भी लेखन किया। रामायण, महाभारत और गीता का अनुवाद अपने ढंग से किया।
* सन् 1959 में उन्होंने एक अलग 'स्वतंत्रता पार्टी' का गठन भी किया।
* 92 वर्ष की उम्र में 28 दिसंबर 1972 को चेन्नई में उनका निधन हो गया। ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्यार से लोग 'राजाजी' बुलाते थे।