दरअसल, यह गड्ढा रूसी कंपनी अलरोसा का स्वामित्व वाली एक खदान है है। इस खदान की गहराई 1722 फिट है और इस गड्ढे का घेरा करीब साढ़े तीन किलोमीटर का है। इस खदान को इसलिए खतरनाक माना गया है क्योंकि यह आसमान में उड़ रहे हेलीकॉप्टर्स को अपनी तरफ खींच लेता है। मेल ऑनलाइन के लिए रोरी टिंगल लिखती हैं कि इसमें से इतने हीरे निकले कि इनकी बदौलत सोवियत रूस एक खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से दुनिया की सुपरपॉवर बन गया।
इस खान से हर साल औसतन 2 लाख कैरेट हीरे निकलते हैं। जिनकी कीमत लगभग 20 मिलियन पाउंड होती है। इस गड्ढे के आस पास की खदानों में से विश्व के रफ (अनगढ़) डायमंड्स के 23 प्रतिशत हीरे निकलते हैं। इन खदान को तीन रूसी भूगर्भवेत्ताओं ने खोजा था जिन्हें उनकी खोज के लिए सर्वोच्च सम्मान लेनिन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।