तुलसाबाई होलकर राजवंश के इतिहास को प्रभावित करने वाली एक ऐसी कड़ी है जिसके आगमन और मृत्यु के साथ इतिहास के दो निर्णायक युग एवं पहलू जुड़े हुए हैं। उसका युग नृशंस हत्याओं एवं षड्यंत्रों से शुरू हुआ और अंत भी ऐसी ही परिणिति के साथ। वह पत्नी, प्रेमिका व संरक्षिका रही, परंतु उसके बाद होलकर राज्य एकाएक बिखर गया। यह इतिहास की विडंबना ही थी कि होलकर राज्य की इतिहास प्रसिद्ध महिलाओं में तुलसाबाई का चरित्र परस्पर विरोधी तत्वों का सम्मिश्रण था।