ठहाके लगाकर तुर्की की महिलाएं कर रही हैं विरोध

गुरुवार, 31 जुलाई 2014 (18:10 IST)
हास्यास्पद बयान देने के मामले में विदेशी नेता भी भारतीय नेताओं का मुकाबला करते नजर आते हैं। अब तुर्की के उपप्रधानमंत्री बुलेंट एरिंक को ही लीजिए। रमजान खत्म होने के मौके पर एकत्रित भीड़ को संबोधित करते हुए बुलेंट ने कहा कि महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं हंसना चाहिए। उनके मुताबिक पवित्रता बहुत महत्वपूर्ण है, ये महज एक शब्द नहीं है बल्कि महिलाओं का आभूषण है। एक महिला को पवित्र होना चाहिए। उसे सार्वजनिक और निजी जीवन के फर्क का पता होना चाहिए। उसे सावर्जनिक स्थानों पर हंसना नहीं चाहिए।

 
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सोशल नेटवर्किंग साइट्स ऐसे समय बहुत काम आती है। जनता की प्रतिक्रिया का तुरंत पता लग जाता है। इधर बुलेंट ने बयान दे डाला उधर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके बयान की हंसी उड़ाई जाने लगी। महिलाओं ने ट्वीटर पर दनादन ऐसे फोटो पोस्ट कर दिए जिनमें वे ठहाके लगा रही हैं। हेश-टैग का उपयोग किया गया और धीरे-धीरे ट्वीटर पर यह ट्रेंड होने लगा।

महिलाओं के समर्थन में पुरुष भी कूद पड़े। तुर्की के एक पुरुष ने ट्वीट किया - जिस देश में महिलाओं को हंसने से रोका जाए ऐसे देश के पुरुषों को कायर ही कहा जा सकता है। विपक्षी पार्टियों ने भी बुलेंट पर निशाना साधते हुए कहा कि उपप्रधानमंत्री का बयान देश की महिलाओं के प्रति उनकी सोच को दर्शा रहा है।

बुलेंट की मानसिकता उन पुरुषों की मानसिकता है जो महिलाओं को पुरुषों से कमतर समझते हैं और हमेशा उन्हें नीचा दिखाने वाली नसीहत देते रहते हैं।

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