भारत के मुताबिक चलता है अफगानिस्तान

सोमवार, 9 नवंबर 2009 (11:53 IST)
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने ‘प्रत्येक आतंकवादी संगठन में आईएसआई की घुसपैठ’ को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान भारतीय खुफिया एजेंसियों के प्रभाव में है और उनके पास इस संबंध में दस्तावेजी सबूत हैं।

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मुशर्रफ ने सीएनएन को कल एक साक्षात्कार में कहा अफगानिस्तान खुफिया एजेंसी, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और अफगानिस्तान की सरकार के बारे में बात मत कीजिए। मैं जानता हूँ कि वे क्या कर रहे हैं। वे सुनियोजित तरीके से दुनिया को गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने कहा-वे पाकिस्तान के खिलाफ बोल रहे हैं, क्योंकि वे भारतीय खुफिया एजेंसियों के प्रभाव में हैं, सभी उनके प्रभाव में हैं।

मुशर्रफ से जब तालिबान नेता मुल्ला उमर के पाकिस्तानी शहर क्वेटा में मौजूद होने की खबर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा-अफगानिस्तान का खुफिया तंत्र पूरी तरह से भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रभाव में है। हम इस बात को जानते हैं।

उन्होंने कहा-जो बात मैं कहा रहा हूँ, ऐसा मैंने पहली बार नहीं कहा है। मैंने इस संबंध में सभी को दस्तावेजी सबूत दिए हैं।

अभी लंदन में रह रहे मुशर्रफ ने आरोप लगाया कि हम अफगानिस्तानी खुफिया के साथ भारतीय खुफिया एजेंसियों की सहभागिता के बारे में जानते हैं।

पूर्व पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने उन रिपोर्टों और अमेरिकी नेताओं के उन बयानों से इनकार किया कि आईएसआई के अभी भी आतंकवादियों के साथ सम्पर्क हैं।

उन्होंने कहा-आईएसआई आतंकवादियों का सहयोग नहीं करेगी। यह सरकार की नीति नहीं है। यह सैन्य नीति भी नहीं है। हालाँकि उनकी पहुँच है।

मुशर्रफ ने कहा-हमेशा, सभी संगठनों तक आईएसआई की पहुँच रही है। यह दक्षता और आईएसआई के प्रभाव से जुड़ी हुई है। आपकी वहाँ तक पहुँच होना चाहिए, ताकि आप इन संगठनों को प्रभावित कर सकें। इसका अर्थ यह नहीं कि आप इन संगठनों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा-उनके कुछ सम्पर्क हैं, जिसका उपयोग वे अपने लाभ के लिए करते हैं। (भाषा)

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