मोदी सरकार होगी पाक-चीन के प्रति सख्त!

सोमवार, 1 सितम्बर 2014 (17:18 IST)
मेलबोर्न। भारत की नई सरकार की विदेश नीति में आर्थिक विषयों का वर्चस्व होने की संभावना के बीच वह पाकिस्तान के प्रति सख्त नीति अपना सकती है और चीन के खिलाफ रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकती है। यहां एक थिंक टैंक ने यह दावा किया है।
 
मेलबोर्न आधारित थिंक टैंक ने ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट की ‘इंडियन फॉरेन पॉलिसी अंडर (प्रधानमंत्री) मोदी’ पर एक शोधपत्र में कहा है कि विदेश नीति के बारे में उनके सोच- विचार में अर्थव्यवस्था केंद्र में है और इसलिए वे इस विचारधारा के व्यावहारिक सिद्धांत से निर्देशित होंगे।
 
यह अध्ययन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित विषय का हिस्सा है।
 
इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत की विदेश नीति बदल रही है और यह संघीय (स्वरूप की) हो रही है और मोदी विदेश नीति के विषयों में प्रांतों के योगदान की उभर रही नई प्रवृति का औचित्य सही ठहराने को इच्छुक हैं।
 
पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत के सबसे तेजी से प्रगति करने वाले राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अतीत में उठाए गए अपने कदम पर आगे बढ़ेंगे और ‘भारत की पूर्व की ओर देखो नीति’ को वरीयता देंगे।
 
इसमें कहा गया है कि हालांकि पाकिस्तान और चीन के प्रति वे सख्त रुख अख्तियार कर सकते हैं।
 
पत्र में कहा गया है कि मोदी जो उत्तर भारत से नहीं हैं, पाकिस्तान से अलग तरह का बर्ताव कर सकते हैं। वे उस वक्त तक रियायत देने को इच्छुक नहीं होंगे जब तक कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद खत्म नहीं हो जाता। (भाषा)

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