सोच का दायरा बढ़ाता है प्यार

शनिवार, 24 अक्टूबर 2009 (15:56 IST)
हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक इश्क करने वाले लोग औरों के मुकाबले ज्यादा क्रिएटिव हो जाते हैं। जी हाँ, सेक्स के बगैर प्यार के बारे में सोचने से इनसान दुनिया के बारे में दिल को ज्यादा बड़ा करके सोचता है और उसे नित नई-नई तरकीबें सूझती रहती हैं।

एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि प्यार में सचमुच लोगों की सोच बदल जाती है और यह भावना उस पर ऐसा असर डालती है, जो सिर्फ सेक्स के बारे में सोचने से बिलकुल जुदा है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि इश्क ने कला से लेकर वास्तुकला तक के काम को बहुत प्रेरणा दी है। प्यार ने क्वीन की ओर से गाए गए गाने ‘लव ऑफ माई लाइफ’ में भी अहम भूमिका अदा की है।

‘साइंटिफिक अमेरिकन’ नाम के एक जर्नल में प्रकाशित हालिया रिपोर्ट के मुताबिक मनोवैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि प्यार इनसान को अलग तरीके से सोचना सिखाता है और यह इनसान को इस काबिल बना देता है, जिससे उसकी सोच का आसमान विशाल हो सके।

शोध के नतीजों के हवाले से जर्नल में लिखा गया है कि प्यार करने वाले सोच के मामले में बड़े क्रिएटिव यानी सृजनशील हो जाते हैं।

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