तुर्किये : भूकंप में फंसे भारत के 10 नागरिक, मृतकों का आंकड़ा 11000 के पार

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023 (00:37 IST)
नई दिल्ली। विनाशकारी भूकंप से प्रभावित तुर्किये के दूरदराज वाले इलाकों में एक भारतीय लापता है, जबकि 10 अन्य फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। इस बीच, पश्चिम एशिया के इस देश में तलाश एवं राहत अभियान चलाने के लिये भारत ने विशेषज्ञों की टीम भेजी है। भूकंप से तुर्किये और सीरिया में अब तक 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी। तुर्किये और सीरिया में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहां के लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ की शुरूआत की है। भूकंप में दोनों देशों में 11 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बताया कि तुर्किये के भूकंप प्रभावित इलाके में एक भारतीय लापता है और 10 अन्य लोग दूरदराज वाले इलाकों में फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि तीन लोगों ने भारत सरकार से संपर्क किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि तुर्किये में भारतीय नागरिक अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं।

वर्मा ने कहा, हमने तुर्किये के अदन में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। प्रभावित इलाकों के दूरदराज वाले इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं, लेकिन वे सब सरक्षित हैं। हमें एक भारतीय नागरिक के लापता होने की जानकारी है जो वहां व्यवसायिक कार्यों के लिए गया था।

पिछले दो दिनों से उसका कोई अता-पता नहीं है। हम उसके परिवार के सदस्यों और बेंगलुरु स्थित उस कंपनी के संपर्क में हैं, जहां वह काम करता था। उन्होंने कहा, हमें लगभग 75 लोगों ने फोन किया, जिन्होंने वहां हमारे दूतावास से जानकारी और सहायता मांगी है।
 
एक अधिकारी ने बताया कि तुर्किये में करीब तीन हजार भारतीय रहते हैं जिनमें से करीब 1800 इस्तांबुल और उसके आसपास के इलाकों में रहते हैं, जबकि 250 लोग अंकारा में रहते हैं और शेष पूरे देश में रहते हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत तुर्किये और सीरिया में तलाश एवं राहत दल, एक फील्ड अस्पताल, सामग्री, दवाइयां एवं उपकरण भेज रहा है। यह एक सतत अभियान है और हम अद्यतन सूचना उपलब्ध कराते रहेंगे।

भारत मंगलवार को चार सैन्य परिवहन विमानों में तुर्किये को राहत सामग्री, एक चलित अस्पताल, विशेषज्ञ राहत एवं बचाव दल भेज चुका है। भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान के जरिए भारत सीरिया में भी राहत सामग्री भेज चुका है।

अधिकारियों ने बताया कि भारत तुर्की के लिए और सहायता भेज रहा है। वर्मा ने कहा कि तुर्किये ने सहायता के लिए भारत को संदेश भेजा था। सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वहां सहायता भेजने के बारे में पूछे जाने पर  वर्मा ने कहा कि भारत जी-20 के ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा, इस तरह की मानवीय सहायता प्रतिबंधों के दायरे में नहीं आती है।

जयशंकर ने ट्विटर पर भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम की तुर्किये के गंजियातेप में तलाश अभियान शुरू करने की तस्वीरें साझा कीं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि बल और टीम को वहां भेजने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तुर्किये को ह संभव सहायता देने के निर्देश के बाद भारत ने सोमवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तलाश एवं बचाव दलों, चिकित्सा दलों और राहत सामग्री को तत्काल वहां भेजने का फैसला किया था।

अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देश भूकंप से बचे लोगों की खोज में मदद करने के लिए तुर्किये को राहत सामग्री तथा खोज और बचाव विशेषज्ञ भेज रहे हैं। सीरिया को सहायता पर, विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह खेप बुधवार की सुबह दमिश्क हवाई अड्डे पर स्थानीय प्रशासन एवं वहां के पर्यावरण उप मंत्री मोताज दोउजी को सौंपी गई।

डर के साए में जी रहे हैं लोग : विनाशकारी भूकंप और उसके बाद महसूस किए गए झटकों में काफी संख्या में इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गईं, जिसके चलते हजारों लोग बेघर हो गए। साथ ही, कड़ाके की सर्दी के कारण कई लोगों की मौत हो गई है। वास्तुशिल्प इतिहास की विद्वान कुबरा हैलिसी ने इस्तांबुल से यह जानकारी दी।

तुर्किये की इस नागरिक ने बताया, हालांकि हमलोग भूकंप के केंद्र से बहुत दूर रह रहे हैं, लेकिन हमने भूकंप के बाद आए शक्तिशाली झटकों को महसूस किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से हैलिसी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, मैं और मेरे परिवार के लोग सुरक्षित हैं लेकिन मेरे देश के टुकड़े हो गए हैं।

हैलिसी ने कहा, भूकंप के कारण दस प्रांत प्रभावित हुए हैं और हम लोग स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में केवल मौत और विनाश के दृश्य देख रहे हैं। उन्होंने कहा, इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गईं। मलबे में दबे कुछ लोगों की मौत हाड़ कंपाने वाली सर्दी के कारण हो गई। यहां तक कि ऐसे कई लोग, जो इस आपदा में बेघर हो गए थे, कड़ाके की सर्दी के कारण उनकी मौत हो गई।

सोमवार को आए इस विनाशकारी भूकंप में तुर्किये एवं पड़ोसी देश सीरिया में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों इमारतें धराशायी हो गईं। इस भूकंप का केंद्र तुर्किये के दक्षिणपूर्वी प्रांत कहारनमारस में था और इसके झटके काहिरा तक महसूस किए गए थे।

तुर्किये एवं सीरिया में विनाशकारी भूकंप के कारण संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए भारत समेत विश्व के विभिन्न देश मानवीय सहायता भेज रहे हैं। हैलिसी ने कहा, मैं सुरक्षित हूं लेकिन मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में मौतें, बीमार और घायल लोग तथा वहां रहने वाले हमारे देशवासी यह सब हमारे लिए एक बुरे सपने जैसा है।

उन्होंने कहा, हम कई ऐसे लोगों को जानते हैं जो अपने परिजनों के पास जाने में अक्षम हैं क्योंकि देश में 7.8 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया और उसके बाद 7.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। उन्होंने कहा, हमें इस बात का अहसास है कि कई देश हमारी मदद कर रहे हैं।

भारत ने मंगलवार को चार सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिए राहत सामग्री तुर्किये को भेजी। भारत ने एक चलित अस्पताल और विशेष तलाश एवं बचाव दल भी वहां भेजा है। बुधवार को भारत ने भूकंप प्रभावित सीरिया को आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित 6 टन राहत सामग्री सौंपी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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