इस अफ्रीकी क्षेत्र में दोनों आतंकवादी समूह काफी सक्रिय माने जाते हैं और पिछले 1 दशक में करीब 30 हजार से अधिक लोगों की हत्या कर चुके हैं जबकि 20 लाख से अधिक लोगों को नाइजर, चाड और कैमरून समेत अन्य अफ्रीकी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर कर चुके हैं। (वार्ता)(सांकेतिक चित्र)