भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोप गढ़े गए और उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद उन्हें निशाना बनाया गया है। इन अधिकारियों की पहचान उजागर होने के मद्देनजर उनकी सुरक्षा को देखते हुए भारत सरकार ने इन्हें खुद ही वापस बुलाने का फैसला किया था।