सुश्री थ्रोसेल ने ओएचसीएचआर की ओर से जारी एक बयान में कहा, इस साल फांसी की कथित संख्या कम से कम 345 हो गई है, जिनमें 15 महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें से अधिकतर को नशीली दवाओं के अपराध या हत्या का दोषी ठहराया गया था।
उनमें से 471 लोगों को नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। वॉचडॉग के अनुसार, ऐसे मामलों में फांसी की संख्या 2022 की तुलना में 84 प्रतिशत और 2020 की तुलना में लगभग 18 गुना बढ़ गई है। (एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour