16 साल की उम्र में गर्भपात और लिंग परिवर्तन की अनुमति

कैथलिक ईसाइयों के यूरोपीय देश स्पेन की संसद ने ईसाई चर्च को नाराज़ करने वाले कुछ ऐसे साहसिक कानून 16 फरवरी को पारित किए हैं, जो अपने आाप में क्रांतिकारी हैं। इन कानूनों से महिलाओं का जीवन और अधिक आसान बनेगा और सभी लोगों को इच्छानुसार लिंग-परिवर्तन का अपू्र्व अधिकार मिलेगा।
   
मासिक धर्म के दौरान अवकाश, गर्भपात कराने का कानूनी अधिकार और अपनी लैंगिकता के स्वतंत्र चयन का विकल्प : इन विधायी योजनाओं ने स्पेन में गर्मागर्म बहसों को जन्म दे रखा था। इनका प्रबल विरोध भी हो रहा था, किंतु सरकार को संसद में आवश्यक समर्थन मिल गया। कामकाजी महिलाओं को मासिक धर्म वाले कष्ट के दिनों में छुट्टी मिल सकती है। गर्भपात के अधिकार का विस्तार किया गया है और जो कोई अपना लिंग परिवर्तन चाहता है, वह 16 साल की आयु के बाद बिना किसी से पूछे ऐसा कर सकता है। 
 
संसद में मतदान के समय 'मासिक धर्म की छुट्टी' के लिए अद्वितीय कानून के पक्ष में 185 वोट और विरोध में 154 वोट पड़े। 3 सांसदों ने मतदान नहीं किया। इस कानून में कहा गया है कि जिन कामकाजी महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों में बहुत दर्द हो रहा हो, वे घर पर रह सकती हैं। लैंगिक समानता की मंत्री इरेने मारिया मोन्तेरो ने टि्वटर पर इसे 'नारीवादी प्रगति का एक ऐतिहासिक दिन' बताया। वे स्पेन के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल वामपंथी 'पोदेमोस' पार्टी की एक नेता हैं। 
 
उद्देश्य है वर्जनाओं को तोड़ना : सत्तारूढ़ गठबंधन की मुख्य पार्टी स्पेनी सोशलिस्ट पार्टी भी एक वामपंथी पार्टी ही है। उसके नेता और प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेस भी इन नए कानून के समर्थक हैं। स्पेनी सरकार के अनुसार, इन नए कानूनों का उद्देश्य कतिपय वर्जनाओं को तोड़ना है। नया गर्भपात कानून सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भपात की गारंटी देता है।
 
16 साल की आयु हो जाने पर माता-पिता की सहमति के बिना भी, गर्भपात कराया जा सकता है। अब तक के इस नियम को हटा दिया गया है कि गर्भपात से पहले कम से कम 'तीन दिन दिन तक गहन सोच-विचार' करना चाहिए। गर्भपात के बाद भी गर्भनिरोधक गोली मुफ़्त मिलते रहने की गारंटी दी गई है। संसद में मतदान के समय इस कानून के पक्ष में 185 और विपक्ष में 154 मत पड़े। सभी सांसदों ने मतदान में भाग लिया।
 
किशोरावस्था में लिंग परिवर्तन का अधिकार : तीसरा नया कानून 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों और युवाओं को आधिकारिक तौर पर अपनी लैंगिक पहचान बदलने यानी ऑपरेशन द्वारा लड़की से लड़का बनने या लड़के से लड़की बनने की छूट देता है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता और एक जज की अनुमति प्राप्त करनी होगी। 14 वर्ष का हो जाने पर केवल माता-पिता की अनुमति काफी होगी। 16 वर्ष का हो जाने पर किसी की भी अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। सभी अपने लिए स्वयं निर्णय ले सकेंगे। तब वे किसी गलत निर्णय के परिणाम के लिए किसी दूसरे को दोषी भी नहीं ठहरा सकेंगे। 
 
जो कोई अपने पहचान पत्रों (आइडेंटिटी कार्ड आदि) में अपना लिंग बदलवाना चाहता है, उसे अब केवल एक साधारण आधिकारिक घोषणा की आवश्यकता पड़ेगी, किसी डॉक्टरी प्रमाण की जरूरत नहीं होगी। इन सारी नवीनताओं पर स्पेन में महीनों से गर्मागर्म बहस चलती रही है। रूढ़िवादी विपक्ष और कैथोलिक चर्च इन परिवर्तनों के सबसे मुखर आलोचक रहे हैं। स्पेन के सत्तारूढ़ वामपंथी गठबंधन के भीतर भी बहस छिड़ी हुई थी।
 
लैंगिक समानता की मंत्री इरेने मारिया मोन्तेरो के अनुसार, नया कानून ट्रांसजेंडर लोगों को 'रोग मुक्त' करता है। उनका कहना है कि लैंगिक पहचान के स्वतंत्र विकल्प की दिशा में आज हमने एक बड़ा कदम उठाया है। डेनमार्क यूरोप का पहला देश था, जिसने 2014 में अपने नागरिकों को लिंग परिवर्तन द्वारा अपनी लैंगिक पहचान बदलने का कानूनी विकल्प दिया था।

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