विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण की संख्या के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। हेपेटाइटिस यकृत की सूजन होती है, जिसके कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं और यह जानलेवा भी हो सकती है।
2022 में दुनियाभर में 25.40 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित : डब्ल्यूएचओ की ओर से मंगलवार को जारी वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट-2024 के अनुसार 2022 में दुनियाभर में 25.40 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हुए जबकि हेपेटाइटिस सी से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या पांच करोड़ रही। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2022 में हेपेटाइटिस बी के 2.98 करोड़ मामले सामने आए जबकि हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने वालों की संख्या 55 लाख रही।
हेपेटाइटिस वायरस के पांच मुख्य प्रकार हैं, जिन्हें प्रकार ए, बी, सी, डी और ई कहा जाता है। हालांकि वे सभी यकृत रोग का कारण बनते हैं, वे संचरण के तरीकों, बीमारी की गंभीरता, भौगोलिक वितरण और रोकथाम के तरीकों सहित महत्वपूर्ण तरीकों से भिन्न होते हैं।
विश्व में हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही : डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को बताया कि विश्व में हेपेटाइटिस के कारण जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह बीमारी वैश्विक स्तर पर मौत का दूसरा प्रमुख संक्रामक कारण है। दुनिया भर में हेपेटाइटिस के संक्रमण के कारण प्रत्एक वर्ष करीब 13 लाख लोगों की मौत होती है।
मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख हो गई : डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 187 देशों के नए आंकड़ों से पता चलता है कि हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 2019 में 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख हो गई है। इनमें से 83 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस बी के कारण जबकि 17 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस सी के कारण होती हैं।
हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और उपचार किया जा रहा : डब्ल्यूएचओ ने विश्व हेपेटाइटिस शिखर सम्मेलन में जारी इस रिपोर्ट में कहा, प्रतिदिन हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण दुनिया में 3500 लोगों की मौत हो रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेएसस ने कहा, यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है : हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने में विश्व स्तर पर प्रगति के बावजूद मौतें बढ़ रही हैं क्योंकि हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और उपचार किया जा रहा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour