कुरान पढ़ने जा रहे अली अल-अकवा ने ऊपर उड़ते युद्धक विमानों की आवाजें सुनीं लेकिन यह युद्धरत सना के लिए कोई नई बात नहीं थी। उसने सोचा कि अंतिम संस्कार समारोह तो सुरक्षित ही होगा। कुछ ही क्षण बाद एक बड़ा विस्फोट हुआ और शरीरों के परखच्चे उड़ गए। छत ढह गई, दीवारें गिर गईं और वहां आग लग गई। हड़बड़ी में लोग बाहर निकलने की कोशिश ही कर रहे थे कि दूसरी मिसाइल आकर गिरी और कई अन्य लोगों की जान चली गई।
युद्ध को प्रसार देने की कोशिश के तहत हूथियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पड़ोसी सऊदी अरब और अमेरिकी युद्धपोतों पर रॉकेट दागे हैं। कई यमनी लोगों का कहना है कि एक संकल्प की दिशा में कदम बढ़ाने की एकमात्र उम्मीद यही है कि सऊदी अरब का शीर्ष सहयोगी अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश सैन्य बिक्री बंद करे और रियाद पर दबाव बनाए कि वह युद्ध में ढील दे और वार्ताओं की ओर बढ़े। (भाषा)