अमेरिका में रश विश्वविद्यालय के एरोन एस बुचमैन ने कहा कि हमने शोध में भाग लेने वाले लोगों की उनकी मौत से औसतन 2 साल पहले की शारीरिक गतिविधि का आकलन किया और फिर मौत के बाद दान दिए गए उनके मस्तिष्क के ऊतकों का अध्ययन किया। हमने पाया कि सक्रिय जीवनशैली से मस्तिष्क पर रक्षात्मक असर पड़ सकता है।