पुलित्जर पुरस्कार विजेता इतिहासकार जोसेफ इलिस ने कहा कि काबुल में दुनिया जो खून-खराबा देख रही है, वह अमेरिका की देश छोड़ने की खराब योजना या अक्षमता नहीं है, बल्कि यह उसकी हार है। उन्होंने कहा कि हम जब वहां गए थे और जो हालात थे हम अब भी वैसा ही देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आप युद्ध हारते हैं तो ऐसा ही होता है।
काबुल एयरपोर्ट पर अतिरिक्त बल तैनात : तालिबान ने दो दिन पहले एक आत्मघाती हमले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए शनिवार को काबुल हवाई अड्डे के आसपास अतिरिक्त बलों को तैनात किया। अमेरिका को 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों की वापसी के काम को पूरा करना है और इससे पहले यह हमला हुआ था।
तालिबान ने हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़कों पर अतिरिक्त जांच चौकियां बनाई हैं, जिनमें तालिबान के वर्दीधारी लड़ाके तैनात हैं। तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद देश से भागने की उम्मीद में पिछले दो हफ्तों में जिन इलाकों में लोगों की बड़ी भीड़ एकत्र हुई थी, वे अब काफी हद तक खाली थे।