फिल्म समीक्षक उमैर अल्वी ने बताया, पाकिस्तान में ‘शोले’ के प्रशंसकों की कमी नहीं है। प्रशंसकों में वह पीढ़ी भी शामिल है जो उस दौर में वीसीआर पर हिन्दी सिनेमा देख-देख कर बड़ी हुई है, जब पाकिस्तान में भारतीय सिनेमा का प्रसारण गैरकानूनी हुआ करता था।
उन्होंने कहा, हमने अपने माता-पिता और बुजुर्ग रिश्तेदारों से फिल्म के बारे में इतना सबकुछ सुना है कि, इसे पहली बार 3डी या 2डी में बड़े पर्दे पर देखना अविस्मरणीय अनुभव होगा। (भाषा)