चार हजार वर्ष पुरानी मिस्र की ममियों के रहस्य से उठा पर्दा

बुधवार, 17 जनवरी 2018 (14:34 IST)
लंदन। अगली पीढ़ी की डीएनए सीक्वेंसिंग की मदद से दो भाइयों की प्रसिद्ध ममी के बारे में शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि उनके पिता अलग-अलग व्यक्ति थे और वे दोनों सौतेले भाई थे। ये ममी 1800 ईसा पूर्व की हैं।
 
ब्रिटेन के मेनचेस्टर संग्रहालय के इजिप्टोलॉजी कलेक्शन मे इन भाइयों की ममी सबसे पुरानी है। माना जाता है कि ये भाई संभ्रात परिवार से संबंध रखते थे और उनका नाम खनम नख्त और नख्त अंख था।
 
इन ममियों की खोज वर्ष 1907 में हुई थी। तभी से यह बहस छिड़ी हुई थी कि वास्तव में ये दोनों एक दूसरे के संबंधी थे या नहीं। काहिरा के दक्षिण में एक गांव से इन ममियों की खोज डेयर रिफेह ने की थी। यह दो भाइयों के मकबरे के नाम से प्रसिद्ध है।
 
ताबूतों पर चित्रलिपि उत्कीर्ण है जिससे पता चलता है कि वे दोनों एक अज्ञात स्थानीय गर्वनर के बेटे थे और उन दोनों की मां का नाम एक ही था - खनुम-आ। तभी से उन दोनों को दो भाई के रूप में पहचान मिली।
 
मकबरे की पूरी सामग्री 1908 में जब मेनचेस्टर ले जायी गई और इजिप्टोलॉजिस्ट मारग्रेट मरी ने उनकी जांच की तो उनकी टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि उनके कंकाल की बनावट बहुत अलग है। इससे पता चलता है कि वे आपस में संबंधी नहीं थे। फिर यह माना गया कि उनमें से एक भाई को गोद लिया गया था।
 
वर्ष 2015 में उनके दांतों से लिए गए डीएनए और सीक्वेंसिंग की अगली पीढ़ी की प्रक्रिया की मदद से यह पता लगा कि उनके बीच माता के पक्ष की ओर से कोई संबंध था। (भाषा) 

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