दुबई। यमन में सोमवार को सऊदी अरब के नेतृत्व वाले देशों के विमानों के हवाई हमलों और जमीनी लड़ाई में दो सौ लोग मारे गए। यह जानकारी मंगलवार को स्थानीय लोगों और हाउती विद्रोहियों की मीडिया ने दी। तीन महीने पहले अरब देशों द्वारा शुरू किए गए हवाई हमलों में पहले कभी एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं मारे गए थे।
संयुक्त राष्ट्र 26 मार्च से शुरू इन हवाई हमलों को बंद कर युद्ध विराम लागू कराने के लिए प्रयास कर रहा है। मार्च में शुरू हवाई हमलों के बाद से यहां तीन हजार लोग मारे जा चुके हैं। हवाई हमले यमन के उत्तर से दक्षिण तक हाउती के बढ़ाव को रोकने के लिए किया जा रहा है।
ईरान समर्थित हाउती का कहना है कि उसका विद्रोह भ्रष्ट सरकार के विरुद्ध है जबकि स्थानीय लड़के कह रहे हैं कि वह हाउती के अतिक्रमण को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। सऊदी अरब का कहना है कि वह हाउती पर हमला यमन की रक्षा के लिए कर रहा है।
हाउती नियंत्रित समाचार एजेन्सी सबा के अनुसार, सोमवार को अमरान प्रांत के हवाई हमले में 63 लोग मारे गए। इनमें से 30 बाजार में मारे गए। इसी प्रांत की हाउती की एक चेकपोस्ट पर हमले में 20 लड़ाके और नागरिक मारे गए। यह हमला अमरान शहर के बाहर किया गया।
60 व्यक्ति दक्षिण में अल फोयूस के बाजार में मारे गए। अदन और लहज के बीच की सड़क के हाउती के चेकपोस्ट पर 30 व्यक्ति मारे गए। इनमें से 10 हाउती लड़ाके थे।
कबाइली सूत्रों के अनुसार, केन्द्रीय मध्यवर्ती रेगिस्तानी प्रांत मरीब में हवाई हमले तथा कबाइली लड़ाकों के साथ लड़ाई में 20 हाउती लड़ाके तथा सैनिक मारे गए। कबाइली लड़ाके यमन के निर्वासित राष्ट्रपति अब्द रब्बू मंजूर हादी का समर्थन कर रहे हैं।
यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि इस्माइल औल्द शेख अहमद ने आज सना में हाउती विद्रोहियों के प्रतिनिधियों से युद्ध विराम के लिए अपनी बात रखी। हाउती विद्रोहियों ने कल कहा था कि हवाई हमलों से युद्ध विराम के प्रयास को गहरा आघात लगा है।
हाउती समर्थक याहया अली गहूम ने अपने टि्वटर पर लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि की उपस्थिति में सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं। ऐसी हालत में युद्ध विराम का क्या औचित्य है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई युद्ध विराम नहीं। पीछे हटने और आत्मसमर्पण का भी कोई सवाल नहीं। हवाई हमले और लड़ाई से क्षेत्र के सबसे निर्धन देश के लोगों की कठिनाइयां बढ़ी हैं।
सोमालिया के इस्लामी गुट अल शबाब ने उत्तर पूर्वी केन्या के मंडेरा कस्बे में हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उसका यह हमला केन्या के विरुद्ध उसके अभियान का हिस्सा है।
अल शबाब की सैनिक कार्रवाई के प्रवक्ता शेख अब्दियासीस अबू मुसाब ने कहा, हमने मंडेरा पर हमला किया और केन्या के दस ईसाइयों को मार गिराया। यह केन्या के विरुद्ध हमारे अभियान का हिस्सा है। (वार्ता)