ऑस्ट्रेलियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे मोदी

सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (12:29 IST)
मेलबोर्न। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले माह ऑस्ट्रेलिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जो यहां संघीय संसद की विशेष संयुक्त बैठक में ऑस्ट्रेलिया की संसद के सदस्यों और नेताओं को संबोधित करेंगे। वे अगले माह ब्रिस्बेन में होने जा रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके बाद वे संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की पहली ऑस्ट्रेलिया यात्रा को लेकर जहां कई सांसदों ने खुशी जाहिर की है वहीं ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि क्या वे अपना ऐतिहासिक संबोधन हिन्दी में देंगे जैसा कि उन्होंने पहले दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में किया।

तस्मानिया की लेबर सीनेटर लीजा सिंह ने कहा कि मोदी के हिन्दी में संबोधन का मतलब होगा कि वे भारत का सम्मान, संस्कृति और क्षमताओं को साथ लेकर ऑस्ट्रेलिया आ रहे हैं।

42 वर्षीय लीजा ने कहा कि मेरे विचार से इससे पता चलता है कि वे भारत का सम्मान, संस्कृति और क्षमताओं को साथ लेकर ऑस्ट्रेलिया आ रहे हैं तथा उनकी इस यात्रा का हमारे देश में होना मेरी राय में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारी संसद को संबोधित करना बहुत ही ज्यादा गर्व की बात है। मेरे लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती कि वे हमारी संसद को कौन-सी भाषा में संबोधित करेंगे।

लीजा ने कहा कि अगर हिन्दी में मोदी के संबोधन से भारतवंशियों को यहां सम्मान मिलता है तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी उन्होंने ऐसा किया है और वे उन लोगों में से हैं, जो मानते हैं कि भारत सबसे अलग देश है और मैं समझ सकती हूं कि इस अनोखेपन के लिए ही वे अपनी मूल भाषा में बोलना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई होने के नाते हमें इसका सम्मान करना चाहिए। लीजा ने कहा कि उन्होंने अपनी हालिया भारत यात्रा में महसूस किया कि मोदी के शासन संभालने के बाद देशभर में नया उत्साह है।

उन्होंने कहा कि भारत को उन्होंने नए सिरे से प्रोत्साहित कर दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे मोदी के यहां आने पर उनसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। मोदी 15 और 16 नवंबर को जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और फिर वे संघीय संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

उनके अलावा ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग भी विशेष बैठक को संबोधित करेंगे। सिडनी के एक विचार समूह लोवी इंस्टीट्यूट के रोरी मेडकॉफ ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई संसद को मोदी के संबोधित करने की खबर इस बात का सराहनीय संकेत है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के रिश्ते कितने आगे बढ़ चुके हैं।

मेडकॉफ ने कहा कि अगर मोदी हिन्दी में संबोधित करते हैं तो कोई नुकसान नहीं होगा। उस भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ है और इससे ऑस्ट्रेलियावासियों को फिर स्मरण होगा कि यह देश में तेजी से जगह बनाती भाषाओं में से एक है तथा लोकतंत्र में अंग्रेजी भाषा का एकाधिकार नहीं रहेगा। (भाषा)

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