उन्होंने कहा कि हम शादी के दौरान शाम को आयोजित होने वाली और देर रात तक चलने वाली नाचने-गाने की प्रथा को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने कहा, युवा उसने बहुत उत्साह से भाग लेते हैं और उन्हें एहसास नहीं होता है कि ऐसी गतिविधियां समाज के लिए हितकर नहीं हैं। (भाषा)