बांग्लादेश हमले के पीछे ISIS नहीं, पाक खुफिया एजेंसी का हाथ: बांग्लादेश

सोमवार, 4 जुलाई 2016 (08:27 IST)
ढाका। ढाका में आतंकवादी हमले पर रविवार को शुरू हुए दो दिन के राष्ट्रीय शोक के बीच, बांग्लादेश ने सबसे घातक हमले के लिए 'स्थानीय' इस्लामी आतंकवादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया। बांग्लादेश ने इस हमले के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की भूमिका खारिज की है। इस हमले में 20 बंधकों की हत्या की गई थी। बताया जाता है कि पाकिस्तान शेख हसीना सरकार को अस्थिर करके कट्टरपंथी सरकार को सत्ता में देखना चाहता है।
गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कहा, 'मुझे एक बार फिर साफ करने दें, बांग्लादेश में किसी आईएसआईएस या अल-कायदा का वजूद नहीं है। बंधक बनाने वाले सभी देश में ही पले-बढ़े आतंकवादी थे, ना कि आईएसआईएस या किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन के सदस्य।'
 
खान ने कहा, 'हम उन्हें (बंधक बनाने वालों को) उनके पूर्वजों के साथ जानते हैं, वे सभी बांग्लादेश में पले-बढ़े हैं। वे जेएमबी (जमीयतुल मुजाहिदीन बांग्लादेश) जैसे देश में ही पनपे संगठनों से जुड़े हैं।' ढाका के राजनयिक क्षेत्र में स्थित और विदेशियों के बीच लोकप्रिय रेस्तरां होले आर्टिजन बेकरी में 12 घंटे तक लोगों को बंधक बनाने के प्रकरण का अंत सैन्य कार्रवाई में हुआ। आतंकवादियों ने 20 बंधकों की हत्या कर दी जबकि सैन्य कार्रवाई में छह आतंकवादी मारे गए और एक जिंदा गिरफ्तार हुआ। आईएस का दावा है कि उसने इस आतंकवादी हमले को अंजाम दिया है।
 
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार हुसैन तौफिक इमाम ने कहा कि जिस तरह बंधकों को तेज धारदार बड़े चाकुओं से मारा गया है उससे लगता है कि स्थानीय आतंकवादी समूह, प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन का हाथ है।
इमाम ने एक टीवी चैनल से चर्चा में कहा, 'पाकिस्तान की आईएसआई और जमात के बीच का रिश्ता जग-जाहिर है। वे मौजूदा सरकार को पटरी से उतारना चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी आखिरी वक्त में घबरा गया और जिंदा पकड़ा गया है। उसके पास अहम जानकारियां हैं।'
 
बांग्लादेश के एक रेस्तरां में आतंकवादियों के जघन्य हमले के बाद सबूत एकत्रित करने के लिए सीआईडी के जांच अधिकारियों के दो दलों और एक बम निरोधक दस्ते ने रेस्तरां का मुआयना किया। एक पुलिस सूत्र के हवाले से 'ढाका ट्रिब्यून' ने कहा कि सभी हमलावर 20 से 28 साल के बीच के बांग्लादेशी नागरिक थे। पुलिस ने कहा कि हमलावर पढ़े लिखे और ज्यादातर अमीर परिवार के थे।
 
सूत्र ने कहा, 'सभी छात्र थे और अपराध स्थल पर बांग्ला एवं अंग्रेजी में बात कर रहे थे।' पुलिस प्रमुख एकेएम शाहिदुल हक ने कहा कि मारे गए पांच बंदूकधारी आतंकवादी के रूप में दर्ज हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने उनकी पहचान आकाश, बिकास, डान, बंधोन और रिपोन के रूप में की।
 
आतंकवादियों ने जिन बंधकों की हत्या कर दी उनमें 19 साल की एक भारतीय किशोरी तारिषी जैन शामिल है। आतंकवादियों के हाथों मारे गए लोगों में 9 इतालवी, 7 जापानी, बांग्लादेशी मूल का एक अमेरिकी और दो बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आतंकवादियों को हथियार और विस्फोटकों का बंदोबस्त करने वाले अपराधियों की 'जड़ों' का पता लगाने का संकल्प लिया। उन्होंने यह टिप्पणी अपने आधिकारिक आवास पर जापान के विदेश राज्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान की।
 
उधर, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख खालिदा जिया ने गुलशन कैफे हमले को 'कायरतापूर्ण कृत्य' करार दिया और बांग्लादेश को आतंकवाद से मुक्त कराने के लिए राष्ट्रीय एकता का अनुरोध किया। आईएसआईएस ने भी चार आतंकवादियों की तस्वीरें डाली हैं जो उसके काले परचम के आगे मुस्करा रहे हैं। आईएसआईएस का दावा है कि ये चारों ढाका हमले में शामिल थे।
आईएसआईएस ने 'धर्मयुद्ध चला रहे देशों' को आगाह किया है कि 'जब तक उनके विमान मुसलमानों की हत्या करते रहेंगे', उसके नागरिक सुरक्षित नहीं होंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन पांच हमलावरों में से तीन की शिनाख्त उनके दोस्त कर चुके हैं।
 
बंदूकधारियों ने बंधकों का मजहब जानने की कवायद की। उन्होंने बंधकों से कुरान की आयतें सुनाने को कहा। जो आयतें नहीं सुना सके, उन्हें यातनाएं दी गईं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस आतंकवादी हमले में मरने वालों के लिए दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा करते हुए देश से आतंकवादियों को खत्म करने का संकल्प लिया। उन्होंने आतंकवादियों से कहा कि वे धर्म के नाम पर खून बहाना बंद करें।
 
हसीना ने 'मुट्ठी भर आतंकवादियों' से प्रतिरोध करने के लिए आमजन समेत सभी का आह्वान किया। दो दिन के राष्ट्रीय शोक के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। (भाषा) 
 

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