ओबामा ने अपनी राष्ट्रपति उद्घोषणा में कहा कि दुनिया में गरीबी, हिंसा और युद्ध इन सभी का भय यथार्थ है। जिस भय को हम महसूस करते हैं उसके लिए हमारे विश्वास और प्रार्थनाएं कारगर हो सकती हैं, क्योंकि हम इन हकीकतों से मुकाबला करते हैं। ईश्वर की इबादत हमें हताशा, निर्बलता या नाउम्मीदी से बचाती है और यह निराशावाद के लिए एक बेहतर विकल्प है।