ओबामा ने की सिखों की सराहना, बोले...

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016 (11:22 IST)
वाशिंगटन। डर के खिलाफ सभी धर्मों को एकजुट करने से मिलने वाली शक्ति के बारे में बोल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सिख समुदाय द्वारा किए गए मानवीय कार्य का जिक्र किया।

विभिन्न धार्मिक और वैश्विक नेताओं की मौजूदगी में ‘नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट’ का वार्षिक संबोधन देते हुए ओबामा ने कहा कि हेती में जब धरती दहली, तब ईसाइयों, सिखों और अन्य धर्म समूहों ने मदद बांटने के लिए, जख्मियों की देखभाल के लिए और बेघरों के घर बनाने के लिए अपने स्वयंसेवी भेजे थे।

विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान दुनिया भर में सिखों द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा, कि चाहे बात वैश्विक गरीबी से लड़ने की हो या फिर मानव तस्करी के अभिशाप को खत्म करने की, आप पोप फ्रांसिस के जीवंत उम्मीद के मार्च के नेतृत्वकर्ता हैं।

ओबामा ने कहा कि जब पश्चिम अफ्रीका में इबोला का प्रकोप फैला, तब ईसाई, यहूदी और मुस्लिम समूहों ने लोगों की जान बचाने के लिए योगदान दिया। इबोला की खबर से डर बढ़ गया था, तब चचरें, मस्जिदों ने अपने धर्मस्थलों पर लोगों को जगह दी।

उन्होंने कहा कि जब चार्लस्टन चर्च के बेसमेंट में नौ श्रद्धालुओं की हत्या कर दी गई थी, तब सभी धर्मों के लोगों ने आगे आकर इस डरे हुए समुदाय को प्यार और बेहतर समझ के साथ गले लगाया था।

ओबामा ने कहा कि जब सीरियाई शरणार्थियों ने हमारे तटों पर आकर सुरक्षित स्थानों के लिए गुहार लगाई तो यहूदियों के उपासना गृहों, मस्जिदों, मंदिरों और चचरें में उनका स्वागत किया गया। इन पूजास्थलों ने सबसे पहले शरणार्थियों को कंबल, भोजन बांटे और उनके लिए अपने दरवाजे खोल दिए।

ओबामा ने कहा कि दूसरों में ईश्वर देखना। हम ऐसा करने के लिए प्रेरित होते हैं क्योंकि हम अपने बहुत से धर्मों द्वारा सिखाए गए मूल्यों पर चलते हैं। ये धर्म हमें सिखाते हैं- मैं अपने भाई का संरक्षक हूं। मैं अपनी बहन का संरक्षक हूं। हमें इसके लिए ईसामसीह के धर्मसिद्धांत ने प्रतिबद्ध किया हुआ है। यह सिद्धांत ईश्वर से प्रेम करने के लिए और एक-दूसरे से प्रेम करने के लिए कहता है।

ओबामा ने कहा कि हां, हर दूसरे व्यक्ति की तरह मुझे भी कई बार डर लगता है। लेकिन मेरा धर्म और वह धर्म जो मैं आप लोगों में देखता हूं, जो ईश्वर मैं आप लोगों में देखता हूं, वह मुझे भविष्य के बारे में बहुत आशान्वित बनाते हैं। मैंने ऐसे बहुत से लोग देखे हैं, जो जानते हैं कि ईश्वर ने हमें डर की भावना नहीं दी है। उसने हमें शक्ति, प्रेम और एक अच्छा मस्तिष्क दिया है। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें