अग्रवाल द्वारा तैयार की गई प्रणाली आकाशगंगा कहलाती है। इसमें छतों, गटर, पाइप और भूमिगत जलाशयों का उपयोग किया जाता है तथा जुलाई से सितंबर तक मानसून की वर्षा का संचयन किया जाता है। इस प्रणाली से राजस्थान में पेयजल एकत्र किए जाने में काफी मदद मिल रही है। (भाषा)