उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी चार मांगे नहीं मानी तो देश में पीपीपी का शासन होगा। पीपीपी चहती है कि पनामा पेपर मामले की जांच हो, चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर से संबंधित सभी दलों के सम्मेलन की सिफारिशों पर कार्यान्वयन किया जाए, राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के निरीक्षण के लिए एक संसदीय समिति और विदेश मंत्री की नियुक्ति की जाए।
भुट्टो ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करते हैं और गृह मंत्री चौधरी निसार की जगह किसी सक्षम व्यक्ति को गृह मंत्री नहीं बनाते तो हम एक बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ अभियान चलाएंगे जिससे केन्द्र की सरकार बदल जाएगी। बिलावल ने कहा कि वह पार्टी के मजबूत गढ़ लरकाना से चुनाव लड़ेगे। (वार्ता)