पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी संस्थापक जिया-उर-रहमान की कब्र पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद फखरुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत उन्हें शरण देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं निभा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश में हुई क्रांति को बाधित करने की अनेक साजिश रची हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)