अनुसंधानकर्ताओं ने दिखाया है कि किसी रोग को कमजोर करने की कोशिश की बजाय कम क्षमता के रोगाणुओं का प्रविष्ट कराना रोग को ठीक करने की पद्धति को नुकसान पहुंचा सकता है। अब तक ऐसी मान्यता थी कि कम मारक क्षमता के दोस्तान रोगाणुओं को रोगजनकों में प्रविष्ट कराने से रोग की गंभीरता को कम करने और रोगाणुओं को कमजोर बनाने में मदद मिलती है।