दरअसल, लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान सरकार की 700 करोड़ रुपए का बांड भरने की शर्त को दरकिनार कर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी थी जिसे लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद सामने आ गए।
मुख्य न्यायाधीश खोसा ने यहां उच्चतम न्यायालय में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए, क्योंकि वे सरकार के मुख्य कार्यकारी हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री ने जिस विशेष मामले का जिक्र किया, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन उन्हें (प्रधानमंत्री खान को) यह पता होना चाहिए कि उन्होंने खुद ही किसी को (नवाज शरीफ को) विदेश जाने की अनुमति दी। उच्च न्यायालय में सिर्फ तौर-तरीके पर सुनवाई हुई। कृपया (बयानों को लेकर) सावधान रहें।