अंग्रेजी दैनिक चाइना डेली ने अपने संपादकीय में कहा, 'चीन का रक्षा बजट न तो सबसे बड़ा आकार है और न ही इसका सबसे तेज विकास दर है। यह अमेरिका के सैन्य खर्चे का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा है। और अगर गणना प्रति व्यक्ति के आधार पर की जाती है, तो चीन की सेना अन्य प्रमुख देशों से काफी पीछे लगती है।'
पीएलए में जवानों की संख्या में तीन लाख की कटौती : चीन ने कहा कि उसने 23 लाख सैनिकों के संख्याबल वाली अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी( पीएलए) में तीन लाख सैनिक कम कर दिए हैं। अब पीएलए में 20 लाख सैनिक रह गए हैं। इस कदम का मकसद दुनिया की सबसे बड़ी थलसेना को आधुनिक युद्धजी तने में सक्षम बनाना है। साल 1980 तक पीएलए में 45 लाख सैनिक थे। इसमें पहली कटौती 1985 में की गई जिससे इसका संख्याबल 30 लाख हो गया और बाद में इसमें जवानों की संख्या घटकर 23 लाख हो गई।