उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए रूस के पास व्यापक क्षमता वाली काफी जटिल तकनीक और मानव खुफिया क्षमताएं हैं। रूस का ध्यान उन आम कमजोरियों का फायदा उठाने से परे है जिन्हें किसी सॉफ्टवेयर पैच से दुरुस्त किया जा सकता है और रूस के साथ किसी सैन्य संघर्ष या भू-राजनीतिक संकट की स्थिति में कुछ अमेरिकी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा नेटवर्क खतरे में आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए रूसी साइबर का खतरा अन्य की तुलना में कहीं अधिक जटिल है और हमने देखा है कि ईरान और उत्तर कोरिया के बारे में अभी पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा जो आक्रामक साइबरकर्ता हैं, वे निजी क्षेत्र लक्ष्यों के खिलाफ आक्रामक साइबर अभियानों को चलाने से डरते नहीं हैं।
क्लेपर ने बताया कि चीन हमारे औद्योगिक प्रतिष्ठानों की अंधाधुंध, व्यापक पैमाने पर चोरी कर रहा है, लेकिन उसकी कुछ कमजोरियां हैं जिन पर आसानी से लगाम लगाई जा सकती है या फिर उन्हें आसानी से दूर किया जा सकता है। (भाषा)