नई दिल्ली। बोस्टन, अमेरिका में वैज्ञानिकों ने रेगिस्तानी हवा से भी पेयजल निकालने में सक्षम एक उपकरण विकसित किया है। इस अध्ययन में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी शामिल है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के सबसे बंजर इलाकों में भी कुछ आर्द्रता होती है और वैसी नमी को निकालने के व्यवहारिक तरीके को प्राप्त किए जाने से ऐसे क्षेत्रों में जीवन की राह थोड़ी आसान हो सकती है।
हाल ही में भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के इंदौर स्थित एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान ने पानी में यूरेनियम के अंशों का स्तर पता लगाने के लिए 15 साल की रिसर्च के बाद एक विशेष उपकरण विकसित किया। इस उपकरण का नाम 'लेजर फ्लोरीमीटर' है। इस उपकरण की खासियत है कि यह पंजाब समेत देश के उन सभी राज्यों के लोगों को कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे से बचा सकता है जहां जल स्त्रोतों में यूरेनियम के अंश घातक स्तर पर पाए जाते हैं।