Powerful earthquake in Myanmar: म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 1000 के पार पहुंच गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुईं कई इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सेना के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार भूकंप के कारण अब तक 1644 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 2,376 अन्य लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बयान में कहा गया है कि मृतकों की संख्या के बढ़ने की आशंका है तथा भूकंप से जुड़े विस्तृत आंकड़े अब भी एकत्र किए जा रहे हैं।
राहत कार्यों में भी मुश्किल : बर्मा के नाम से लोकप्रिय म्यांमार लंबे समय से चल रहे खूनी गृहयुद्ध की चपेट में है और वहां पहले से ही एक बड़ा मानवीय संकट बना हुआ है। भूकंप के कारण म्यांमार में राहत एवं बचाव कार्यों को चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से ज्यादा दूर नहीं था। भूकंप के कारण कई इलाकों में इमारतें ढह गईं और व्यापक क्षति हुई है। भूकंप शुक्रवार दोपहर को आया, जिसका केंद्र म्यांमार के मांडले शहर से ज्यादा दूर नहीं था, इसके बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी। भूकंप के कारण कई क्षेत्रों में इमारतें ढह गईं, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, पुल ढह गए तथा एक बांध टूट गया। ALSO READ: अलविदा जुमे की नमाज के दौरान भूकंप से गिरी मस्जिद, कई नमाजियों की मौत
राजधानी नेपीता में शनिवार को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए कर्मचारी काम कर रहे थे, जबकि शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आवास भी शामिल थे, लेकिन शनिवार को अधिकारियों ने शहर के उस हिस्से को अवरोधक लगाकर बंद कर दिया।
थाईलैंड में भी भूकंप के कारण नुकसान : म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और इसने राजधानी बैंकॉक समेत देश के अन्य क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया। बैंकॉक शहर के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण अब तक 10 लोग मृत पाए गए हैं, 78 लोग लापता हैं। राजधानी के लोकप्रिय चतुचक बाजार के निकट एक निर्माण स्थल पर काफी तबाही हुई है। ALSO READ: 24 घंटे, 15 झटके, 10 हजार मौतों की आशंका, ये है 200 साल में आए 7.7 तीव्रता वाले भूकंप से तबाही की पूरी कहानी
भूकंप के बाद कई टन मलबे को हटाने के लिए शनिवार को और अधिक भारी उपकरण लाए गए। लापता लोगों के मित्रों और परिवार के सदस्यों के बीच यह आशा धूमिल होती जा रही है कि वे जीवित मिल जाएंगे। भूकंप आने पर, थाईलैंड की सरकार के लिए एक चीनी कंपनी द्वारा बनाई जा रही 33 मंजिला ऊंची इमारत हिलने लगी। इसके बाद इमारत धूल के विशाल गुबार के साथ जमीन पर धराशायी हो गई, जिससे लोग चीखने लगे और घटनास्थल से भागने लगे।
काश! वे लोग जिंदा हों : अपने साथी और उसके पांच अन्य दोस्तों की तलाश में जुटी 45 वर्षीय नारुमोल थोंगलेक ने कहा कि मैं प्रार्थना कर रही थी कि वे बच गए हों, लेकिन जब मैं यहां पहुंची और खंडहर देखा- वे कहां हो सकते हैं। किस कोने में। क्या वे अब भी जीवित हैं। मैं अब भी प्रार्थना कर रही हूं कि सभी 6 लोग जीवित हों। थोंगलेक ने कहा कि मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती। जब मैं यह देखती हूं, तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती। मेरा एक करीबी दोस्त भी वहां है।
वेनफेट पंटा ने बताया कि भूकंप से लगभग एक घंटे पहले हुई फोन कॉल के बाद से उन्होंने अपनी बेटी कनलयानी से कोई बात नहीं की है। एक मित्र ने बताया कि कनलयानी शुक्रवार को इमारत में काम कर रही थी। पंटा ने कहा कि मैं प्रार्थना कर रही हूं कि मेरी बेटी सुरक्षित हो, वह बच गई हो और अस्पताल में हो।
अस्पतालों और मंदिरों को नुकसान : थाईलैंड के अधिकारियों ने कहा कि भूकंप और उसके बाद के झटके देश के अधिकांश प्रांतों में महसूस किए गए। उत्तर में कई स्थानों पर आवासीय भवनों, अस्पतालों और मंदिरों को नुकसान पहुंचने की खबर है, जिनमें चियांग माई भी शामिल है, लेकिन केवल बैंकॉक में ही लोगों के हताहत होने की खबर है।
बैंकॉक में भूकंप आना दुर्लभ है कि लेकिन म्यांमार में यह अपेक्षाकृत आम बात है। म्यांमार सागाइंग भ्रंश (फॉल्ट) पर स्थित है, जो उत्तर-दक्षिण में एक प्रमुख भ्रंश है, जो इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है। ब्रिटिश भूगर्भीय सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी ब्रायन बैप्टी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भ्रंश का 200 किलोमीटर का हिस्सा एक मिनट से अधिक समय के लिए टूट गया, जिसमें कई स्थानों पर पांच मीटर तक की ढलान थी।
म्यांमार में विद्रोही संगठनों पर हमले जारी : ब्रायन बैप्टी ने एक बयान में कहा कि जब किसी ऐसे क्षेत्र में बड़ा भूकंप आता है, जहां कई असुरक्षित इमारतों समेत कई अन्य इमारतों में दस लाख से अधिक लोग रहते हैं,तो परिणाम अक्सर विनाशकारी हो सकते हैं। म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी। अब यह देश लंबे समय से स्थापित विद्रोही संगठनों और नवगठित लोकतंत्र समर्थक समूहों के साथ गृहयुद्ध में शामिल है। भूकंप के बाद भी सैन्य बलों ने विद्रोही संगठनों के खिलाफ हमले जारी रखे। उत्तरी राज्य कायिन और दक्षिणी राज्य शान में तीन हवाई हमले किए गए। दोनों ही मांडले राज्य की सीमा पर हैं। डेव यूबैंक ने यह जानकारी दी, जो अमेरिकी सेना के विशेष बल के पूर्व सैनिक हैं।
तबाही के आकलन में लगेगा वक्त : म्यांमार के लिए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस के निदेशक मोहम्मद रियास ने कहा कि इस भूकंप से हुई तबाही का पूरा आकलन कई सप्ताह तक स्पष्ट नहीं हो पाएगा। यह आपदा म्यांमार में चल रहे गृह युद्ध के कारण और भी जटिल हो गई है, जो पिछले चार वर्षों से जारी है, जिसके कारण सहायता तक पहुंच सीमित बनी हुई है, संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है, तथा भूकंप आने से पहले ही लाखों लोग संकट में हैं। रेड क्रॉस के अनुसार, म्यांमार में 1.9 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता है, जिनमें से अनेक लोग विस्थापित हैं, खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं तथा संघर्ष के कारण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कमी से पीड़ित हैं।
चीन ने भेजी मदद : यूबैंक ने फ्री बर्मा रेंजर्स की स्थापना की थी, जो एक मानवीय सहायता संगठन है और 1990 के दशक से म्यांमार में लड़ाकों और नागरिकों दोनों को सहायता प्रदान करता रहा है। म्यांमार की सरकार ने कहा कि भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्त की मांग अत्यधिक है। चीन ने कहा कि उसने 135 से अधिक बचाव कर्मियों व विशेषज्ञों के अलावा मेडिकल किट और जेनरेटर जैसी सामग्रियां भेजी हैं और आपातकालीन सहायता के तौर पर लगभग 13.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है। हांगकांग ने 51 सदस्यों वाली एक टीम म्यांमार भेजी है।
रूस ने भेजे 120 बचावकर्मी : रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री को लेकर दो विमान भेजे हैं। मलेशिया ने भी रविवार को 50 लोगों के एक दल को म्यांमार भेजने की घोषणा की है। भारत ने एक बचाव दल तथा एक चिकित्सा दल के साथ-साथ राहत सामग्री भी भेजी है। संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा की है।
दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से 20 लाख अमेरिकी डॉलर की मानवीय सहायता प्रदान करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका इस मुश्किल समय में भूकंप प्रभावित देशों की मदद करेगा, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इस प्रयास को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनके प्रशासन ने विदेशी सहायता में भारी कटौती की है। (एजेंसियां/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala