वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुख्यतया 6 मुस्लिम देशों से आने वाले और शरणार्थियों के लिए अस्थायी यात्रा प्रतिबंध का आदेश सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद प्रभावी हो गया है।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अस्थायी प्रतिबंध आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने के लिए आवश्यक है लेकिन आव्रजकों के पैरोकारों का आरोप है कि यह अवैध तरीके से केवल मुस्लिमों को निशाना बनाता है।
ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले लोगों के लिए 90 दिन के प्रतिबंध और शरणार्थियों के लिए 120 दिन के प्रतिबंध में केवल उन ही लोगों को छूट मिलेगी जिनके अमेरिका में निकट रिश्तेदार हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की ओर दी गई छूट बेहद सीमित है।
आव्रजन अधिकारों के कार्यकर्ता और वकील न्यूयॉर्क के जॉन एफ. केनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तथा अन्य हवाई अड्डों पर लोगों की सहायता के साथ ही यह सुनिश्चित करने का इंतजार कर रहे हैं कि 6 देशों से वैध अमेरिकी वीजा लेकर आने वाले लोगों को आसानी से आने दिया जाए। यह यात्रा प्रतिबंध गुरुवार शाम 8 बजे प्रभावी हो गया।
ट्रंप की ओर से वर्ष के शुरू में लाए गए यात्रा प्रतिबंध के समय देश में आने वाले लोगों के साथ खराब बर्ताव के लिए गृह सुरक्षा मंत्रालय की कड़ी आलोचना हुई थी लेकिन इस बार उसने पूरी सुगमता से काम होने का आश्वासन दिया है।
मंत्रालय ने कहा है कि प्रतिबंध लागू होने से पहले जारी वीजा के साथ यात्रा करने वालों को आने दिया जाएगा। इसके साथ ही उन अधिकृत शरणार्थियों को भी कोई दिक्कत नहीं है जिन्हें 6 जुलाई से पहले यहां आने की मंजूरी दी गई थी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार रात 8 बजे से शुरू हो रही कार्रवाई के सामान्य रहने की उम्मीद है। हमारे लोग इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रंप प्रशासन यात्रा प्रतिबंध को आतंकवाद के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक मान रहा है, साथ ही इससे यात्रियों और शरणार्थियों की जांच को और कड़ा करने के लिए आव्रजन अधिकारियों को और वक्त मिल सकेगा।
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि हाल ही में हुईं घटनाएं ये दिखाती हैं कि हम बेहद खतरनाक वक्त में रह रहे हैं और अमेरिकी सरकार को आतंकवादियों को देश में घुसने से रोकने और हिंसा तथा खून-खराबे को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे।
ट्रंप के यात्रा संबंधी शासकीय आदेशों पर संघीय अपीलीय अदालतों को ओर से दो बार रोक लगाए जाने के बाद कुछ आपत्तियों के साथ ही सही इस प्रतिबंध के प्रभावी होने को ट्रंप की राजनीतिक जीत माना जा रहा है।
आव्रजन अधिकार समूहों और डेमोक्रेटिक सदस्यों ने ट्रंप के इस आदेश को अवैध करार दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में जो छूट दी है, वह अनुचित है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि निकट पारिवारिक संबंध वाले लोगों को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी। इसमें दादा, नाती-पोते, चाचा-चाची, मामा, मौसी आदि संबंधियों को बाहर रखा गया है। (भाषा)