विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रमुख जियांग ने कहा, वह केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भी वैज्ञानिक हैं। चीन की जनता उन्हें लंबे समय तक याद रखेगी। कलाम ने दो बार चीन की यात्रा की थी। पहली बार वे 2012 में चीन आए थे और बाद में चीनी सरकार के निमंत्रण पर 2014 में आए थे।