न्यूयॉर्क सिटी। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि नेपाल में आए घातक भूकंप से कम से कम आठ लाख लोगों के जीवन पर असर पड़ा है और उन्हें तत्काल राहत सामग्रियों में प्लास्टिक शीट, साफ पानी, साबुन और दवाओं की जरूरत थी।
शनिवार दोपहर को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे राजधानी काठमांडू में कई ईमारत जमींदोज हो गई थी और बाहरी गांवों के कई घर धराशाई हो गए थे। इससे अभी तक कम से कम 3,700 लोगों की मौत हो गई और 6,000 लोग घायल हो गए।
राजधानी काठमांडू में आपदा के बाद दो दिन तक जनजीवन शांत रहा। सोमवार को छोटे दुकान खुले लेकिन बड़े कारोबार बंद ही रहे। कार और ट्रकें ईंधन के लिए गैस स्टेशनों पर खड़े रहे। बैंक अभी भी बंद है, हालांकि ऑटोमेटिक बैंकिंग मशीन काम कर रहे थे लेकिन उससे नकद की आपूर्ति नहीं हो रही थी। तीसरी रात भी लोग ईमारत के गिरने के भय से खुले में सोने को विवश हैं।
काठमांडू के खुले क्षेत्रों में कुल 21 राहत शिवर लगाए गए हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम भोजन और ट्रक उपलब्ध करा रही है। यूनिसेफ टेंट और स्वास्थ्य सेवाएं आपूर्ति कर रही है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन 40,000 लोगों के लिए चिकित्सा की आपूर्ति कर रही है। (वार्ता)